Anti-Naxal Operation : रायपुर। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नवा रायपुर में सुरक्षा बलों के जवानों के साथ संवाद किया। इस दौरान उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि केंद्र सरकार 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, केंद्रीय गृह सचिव, आसूचना ब्यूरो के निदेशक, बीएसएफ के महानिदेशक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। (Anti-Naxal Operation)
अमित शाह ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात केंद्रीय बल, कोबरा यूनिट, डीआरजी और छत्तीसगढ़ पुलिस के जवानों ने जिस साहस और समर्पण से नक्सली अड्डों को ध्वस्त किया है, वह न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुरक्षा मॉडल के रूप में सराहा गया है। (Anti-Naxal Operation)
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उन्होंने यह भी कहा कि बीते 35 वर्षों में नक्सलवाद ने करीब 40 हजार लोगों की जान ली या उन्हें अपाहिज बना दिया। इससे आदिवासी इलाकों का विकास थम गया, और बुनियादी सुविधाएं जैसे शिक्षा, बिजली, स्वास्थ्य, पानी जैसी सेवाएं वहां नहीं पहुंच सकीं। लेकिन अब सरकार इन क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “जब एक बच्चा बंदूक की जगह पेंसिल उठाकर क, ख, ग लिखता है, तो यह पूरे देश का भविष्य बदलने का संकेत होता है।” (Anti-Naxal Operation)
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कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने ‘लियोर ओयना’ नामक पुस्तक का विमोचन भी किया, जो नक्सलियों द्वारा आदिवासियों पर किए गए अत्याचार और बस्तर क्षेत्र को बचाने के संघर्ष पर आधारित है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक उन लोगों की आंखें खोलने में मदद करेगी, जो मानवाधिकार के नाम पर नक्सलियों के प्रति सहानुभूति जताते हैं।
अंत में उन्होंने कहा कि जब देश नक्सलवाद से मुक्त होगा, वह क्षण स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे अहम होगा और इस इतिहास में सुरक्षा बलों का बलिदान स्वर्णाक्षरों में दर्ज किया जाएगा।