बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में कलेक्टर के आदेश हवा में उड़ रहा।और खनिज विभाग खामोश तमाशबीन बना बैठा है। शहर से लगे अरपा नदी के बंद घोषित रेत घाटों में दिनदहाड़े अवैध उत्खनन बेरोकटोक जारी है। प्रशासन बेबस! यह है बिलासपुर की सच जहां माफियाओं की चाल के आगे सरकारी तंत्र घुटने टेक चुका है।”
वहीं शहर से लगे लोखंडी, मंगला इन घाटों पर खुलेआम अवैध रेत उत्खनन की जा रही है। और दिन में ट्रैक्टरों की लंबी कतारें बेखौफ होकर घाट की ओर जाती है। आपको बता दें कि यह वही घाट है जिसे प्रशासन में बंद कर दिया है। लेकिन माफिया बेखौफ है, और प्रशासन मौन! मानो की किसी आदेश का कोई असर ही नहीं। वहीं स्थानीय पार्षद रमेश पटेल ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत कलेक्टर से की है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिला।
आपको बता दें कि, मंगला में आदर्श चौक से धुरीपारा पूरा रिहायशी इलाका रेत माफियाओं के कब्जे में हैं। वहीं रेत माफियाओं ने यहां अवैध रूप से घाट भी तैयार कर ली है। जहां सुबह से रात तक अवैध रूप से उत्खनन की जाती है। साथ ही इन तंग और भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाका हैं। रास्तों में बुजुर्गों और बच्चों का रोजाना आना जाना है। फिर ट्रैक्टर तेज रफ्तार से चलते है। जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। आसपास के रहने वाले लोग डर में जीते है। लेकिन अब तक प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाई जा रही है।
इस विषय पर खनिज विभाग के अधिकारियों से अवैध खनन को लेकर सवाल किया गया। तो उनका जवाब है जांच होने के बाद कार्रवाई करेंगे। वहीं स्थानीय लोग अब आश्वासनों से थक चुके है। सरकार को जहां रेत से करोड़ो रुपयों का राजस्व मिल सकता है। साथ ही अवैध कारोबार उसकी जेब काट रहा है। लेकिन पर्यावरण को इस खनन से भारी गंभीर नुकसान हो रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब सब कुछ कमरे में कैद हो रही है। और शिकायत भी हो रही है तो खनिज विभाग के द्वारा कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? क्या प्रशासन इन रेत माफियाओं के सामने घुटने टेक दिए हैं?