कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से बड़ा मामला सामने आया है। ग्रामीणों के धान बोया हुआ खेतों में ठेका कंपनी ने लापरवाही के साथ नाली का पानी छोड़ा दिया। जिससे ग्रामीणों के बोए गए धान खराब हो रहे हैं। इसे लेकर ग्रामीणों ने कुसमुंडा थाना में एसईसीएल प्रबंधक और कार्यरत ठेका कंपनी नीलकंठ के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए थाना प्रभारी को आवेदन दिया है।
बोए हुआ खेत में जानबूझकर छोड़ा गया नाली का मिट्टी वाला पानी
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पंचायत रिस्दी विकासखण्ड कटघोरा में किसानों के धान बोए हुए खेत में नाली का मिट्टी वाले पानी को जानबूझकर छोड़ा गया है। जिससे उनकी फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। ये कृत्य SECL प्रबंधक कुसमुंडा और एस.ई.सी.एल. में कार्यरत ठेका कम्पनी नीलकंठ के अधिकारियों के द्वारा किया गया है। खेत में होने वाले एक साल की फसल से ये किसान 3-4 साल तक अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
न मुआवजा दिया, न ही रोजगार
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रबंधन की ओर से हमेशा जमीन अधिग्रहण करने की बात कही जाती है। लेकिन अब तक न तो मुआवजा दिया गया है। और न ही रोजगार और बसाहट की व्यवस्था की गई है। केवल कागजों पर अधिग्रहण का काम पूरा हुआ है जो कि कानूनन गलत है।
एसईसीएल और ठेका कंपनी द्वारा किया जाता है भयभीत एवं परेशान
ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि SECL और ठेका कंपनी द्वारा उन्हें बार-बार भयभीत एवं परेशान किया जाता है। भारी ब्लास्टिंग की वजह से मकानों में दरार आती है। खदानों की वजह से जलस्तर भी नीचे चला जाता है। और अब खेत में दूषित पानी छोड़ दिया गया है। ये सब सिर्फ डराने के लिए है, ताकि किसान औने-पौने दामों पर जमीन SECL प्रबंधन को बेच दें।