गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के अस्पताल में इलाज में लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां एक 42 वर्षीय व्यक्ति बरन प्रताप सिंह की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टरों ने समय रहते जरूरी उपचार नहीं किया, जिससे मरीज की हालत बिगड़ती गई। हालात गंभीर होने पर उसे बिलासपुर रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की है।
मौत की खबर मिलते ही आक्रोशित परिजन एम्बुलेंस में शव लेकर देर शाम कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए. परिजनों ने इलाज में हुई लापरवाही को लेकर शिकायत दर्ज करवाई और तत्काल कार्रवाई की मांग पर अड़ गए. इसके बाद मृतक के परिजनों ने अपर कलेक्टर के पास शिकायत दर्ज कराई. जांच का आश्वासन मिलने के बाद, काफी मान-मनौव्वल के पश्चात परिजन मृतक के शव को लेकर कलेक्टर कार्यालय से रवाना हुए।
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में समय पर इलाज न मिलने के कारण उनकी जान गई, जबकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीज के परिजन उपचार के दौरान झाड़-फूंक और भभूत जैसे पारंपरिक तरीकों का सहारा लेने में लगे रहे, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा कि, मृतक को कल रात जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। खून की जांच के बाद पता चला कि मृतक बरन प्रताप सिंह के अत्यधिक शराब सेवन के कारण उसकी किडनी और लिवर दोनों अंग डेमेज हो गए थे, जिसकी वजह से उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। उन्होंने ये भी कहा कि, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी पहलुओं की जांच करवाई जा रही है। अगर किसी डॉक्टर की लापरवाही सामने आती है तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।