Bilaspur Patwari Suicide : बिलासपुर। बिलासपुर जिले में भारतमाला परियोजना से जुड़े भूमि अधिग्रहण घोटाले में निलंबित किए गए पटवारी सुरेश मिश्रा ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली। उनका शव सकरी थाना क्षेत्र के जोकी गांव स्थित बहन सरस्वती दुबे के फार्महाउस में फांसी पर झूलता मिला। (Bilaspur Patwari Suicide)
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निलंबन और रिटायरमेंट से पहले उठाया खौफनाक कदम
सूत्रों के अनुसार सुरेश मिश्रा हाल ही में निलंबित किए गए थे और महज तीन दिन बाद, 30 जून को वे रिटायर होने वाले थे। इस बीच, उन पर भूमि अधिग्रहण घोटाले में फर्जी दस्तावेजों के उपयोग का आरोप लगा था। 25 जून को तोरवा थाने में पूर्व तहसीलदार डीके उइके और सुरेश मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। (Bilaspur Patwari Suicide)
सुसाइड नोट में लिखा — “मैं दोषी नहीं हूं”
फार्महाउस के जिस कमरे में उन्होंने आत्महत्या की, वह भीतर से बंद था। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला। शव पंखे से लटका हुआ था। मौके से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें मिश्रा ने खुद को निर्दोष बताते हुए लिखा है — “मैं दोषी नहीं हूं, मुझे जानबूझकर साजिश के तहत फंसाया गया है। बड़े अधिकारियों ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी।”
परिजनों ने दी सूचना, पुलिस जांच में जुटी
घटना की जानकारी मिलते ही सकरी थाना प्रभारी प्रदीप आर्या पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। पुलिस ने बताया कि आत्महत्या करीब दोपहर 1 बजे की गई है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा।
मानसिक तनाव में थे सुरेश मिश्रा
परिजनों और पुलिस के अनुसार सुरेश मिश्रा पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में थे। एफआईआर दर्ज होने और निलंबन के बाद वे गहरे अवसाद में चले गए थे। अक्सर जोकी गांव स्थित फार्महाउस में जाकर अकेले समय बिताते थे।
आगे की जांच जारी
फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और सुसाइड नोट को जब्त कर लिया गया है। इसकी जांच की जा रही है कि आखिर किन परिस्थितियों में उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया। साथ ही साजिश के आरोपों की भी जांच की जा रही है।