रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के धरसींवा इलाके में पुलिस ने मां-बेटी के डबल मर्डर की जटिल गुत्थी सुलझा ली है। यह हत्या की कहानी बेहद दर्दनाक और खौफनाक है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि इस डबल मर्डर को दो लोगों ने मिलकर अंजाम दिया, जो लीव-इन पार्टनर थे। इस वारदात में पुरुष पार्टनर ने अपनी पूर्व अवैध संबंध वाली महिला की हत्या कर दी। ब्लैकमेल और धमकियों ने इस खौफनाक हत्याकांड को जन्म दिया। मासूम बच्ची की मौत और उसके बाद शव के साथ की गई हरकतें दिल दहला देने वाली हैं। बहरहाल पुलिस ने दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
शिवानंद नगर निवासी भरतदास दीवान ने अपने लीव-इन पार्टनर अनीता लहरे के साथ मिलकर मां बेटी की हत्या का षड़यंत्र रचा था। शिवानंद ने पुलिस को बताया कि वह रायपुर में आटो चालने का काम करता है। पूर्व में सिलतरा इण्डस्ट्रियल एरिया में कार्य कर रहा था। तब वह अपने परिवार के साथ सिलतरा धनेली में रहता था। धनेली में रहने के दौरान उसका परिचय मृतिका हमीदा से हुआ था जिससे उसके साथ लगातार बातचीत एवं घर आना जाना होने से आरोपी और मृतिका के बीच अवैध संबंध बन गया था। भरतदास नये काम की तलाश में ग्राम धनेली से शिवनांद नगर में शिफ्ट हो गया एवं वहां ई-रिक्शा चलाकर अपना जीवन यापन कर रहा था। इसी दौरान रायपुर से सिलतरा उसका आना-जाना होता था जहां वह मृतिका हमीदा से मुलाकात करता था, मृतिका हमीदा द्वारा पैसे की लगातार मांग करने एवं मांग पूरी न होने पर केस में फंसा देने दबाव बनाने पर आरोपी एवं उसकी महिला लीव-इन पार्टनर दोनों परेशान हो गये थे। जिस पर दोनों के द्वारा मृतिका हमीदा की हत्या करने की योजना बनाई।
लीव-इन पार्टनर की हैरान कर देने वाली हरकत
लीव-ईन पार्टनर आरोपिया महिला अनीता लहरे पहले मृतिका की नाबालिग पुत्री को अलग करने हेतु उसकी पुत्री को बहला फुसला कर घर से बाहर लेकर अपने घर शिवानंद नगर चली गई। उसके पश्चात् योजना के मुताबिक आरोपी पैदल मृतिका के निवास स्थान धनेली गया जहां उसकी गला दबाकर एवं चाकू से हाथों को काटकर उसकी हत्या कर उसके ऊपर घरेलू कपड़े से ढ़क दिया एवं कमरे को बाहर से बंद कर दिया। उसके पश्चात् अपने ई-रिक्शा से अपने घर शिवानंद नगरपहुंचा। लीव-इन पार्टनर अनीता लहरे ने मृतिका हमीदा की नाबालिग पुत्री की हत्या कर दी। नाबालिग पुत्री की हत्या के बाद आरोपी भरतदास ने दुष्कर्म किया एवं साक्ष्य छिपाने हेतु आरोपी एवं उसकी लीव-इन पार्टनर अनीता लहरे द्वारा ई-रिक्शा में नाबालिग पुत्री के शव को कम्बल से ढंककर मेटलपार्क टर्निंग के पास धनेली से रायपुर आने वाले रास्ते में नाली में शव को फेंक दिया।
ये कुछ प्रमुख बातें 👇🏻
मृतिका से आरोपी का अवैध संबंध बना हत्या का कारण।
आरोपियों द्वारा आपस में योजना बनाकर दिया गया दोहरे हत्या को अंजाम।
नाबालिग पुत्री की हत्या पश्चात् आरोपी द्वारा किया गया था उससे बलात्संग।
साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से नाबालिग पुत्री के शव को फेंक दिया था रोड के किनारे नाली में।
प्रकरण की गम्भीरत को देखते हुए एण्टी क्राईम एण्ड साइबर यूनिट की टेकनिकल सहित 10 विशेष टीम का किया गया था गठन।
घटना स्थल ब्लाइण्ड स्पॉट में होने के कारण टीम के सदस्यों द्वारा 30 किलोमीट के दायरे के हजारों से अधिक सी.सी.टी.व्ही. कैमरों के फुटेजों का किया गया है अवलोकन ।
03 लाख से अधिक संदिग्ध मोबाईल नम्बरों का किया गया एनालिसिस।
घटना स्थलों में उपलब्ध भौतिक साक्ष्यों का भी किया गया सूक्ष्मता से जांच।
टीम के द्वारा लगातार 20 दिनों तक गांव में ही रहकर की गई जांच पड़ताल
टीम के द्वारा कराया गया था क्राइम सीन का रिक्रिएशन ।
दोनो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त 01 नग चाकू, 01 नग ई-रिक्शा वाहन एवं 02 नग मोबाईल फोन किया गया है जप्त ।
आरोपियों के विरूद्ध थाना धरसींवा में अपराध क्रमांक 05/25 धारा 103(1) बी.एन.एस. तथा थाना खमतराई में अपराध क्रमांक 07/25 103, 238 (1) बी.एन.एस. का का अपराध किया गया है पंजीबद्ध ।
आरोपियों के विरूद्ध प्रकरणों में संबंधित धारायें जोड़ी जाकर की जा रही है अग्रिम कार्यवाही।
कार्यवाही में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट से प्रभारी निरीक्षक परेश पाण्डेय, निरीक्षक सचिन सिंह थाना प्रभारी खमतराई, निरीक्षक राजेन्द्र दीवान थाना प्रभारी धरसींवा, उनि सतीश पुरिया, उनि राजेन्द्र कंवर, उनि मुकेश सोरी, सउनि प्रेमराज बारिक, मंगलेश्वर सिंह परिहार, गेंदूराम नवरंग, अतुलेश राय, प्र.आर. कुलदीप द्विवेदी, उपेन्द्र यादव, अनुप मिश्रा, विजय पटेल, जसवंत सोनी, महेन्द्र राजपूत, चिन्तामणी साहू, रविकांत पाण्डेय, आशीष त्रिवेदी, संतोष दुबे, घनश्याम साहू, आर. अविनाश देवांगन, बीरेन्द्र बहादुर सिंह, हिमांशु राठौड़, संदीप सिंह, किसलय मिश्रा, विकास शर्मा, अभिषेक सिंह, गणेश मरावी, कमल धनगर, महिपाल सिंह ठाकुर, मुनीर रजा, प्रवीण मौर्य, राकेश पाण्डेय, टीकम साहू, तुकेश निषाद, राजेन्द्र तिवारी, विक्रम वर्मा, पुरूषोत्तम साहू, अनुरंजन तिर्की, अभिषेक सिंह तोमर, म. आर. कैलजोंग लेप्चा, दुर्गा भोईहार, टीजीआर. शंकर यादव, राकेश सोरी तथा चौकी सिलतरा से प्रभारी उपनिरीक्षक बालेश्वर लहरे की महत्वपूर्ण भूमिका रही।