रायपुर/भिलाई। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर और भिलाई स्थित निवास पर आज सुबह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने छापेमारी की। इसके अलावा, उनके करीबी सहयोगियों और कई वरिष्ठ अधिकारियों के ठिकानों पर भी छापे मारे गए।
महादेव सट्टा एप घोटाले से जुड़ी जांच
सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी महादेव सट्टा एप घोटाले की जांच के सिलसिले में की गई है। इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले की जांच जनवरी 2024 में शुरू की थी। अगस्त 2024 में छत्तीसगढ़ सरकार ने इस घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इसके बाद एसीबी और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने भी अपनी जांच शुरू की थी।
इन ठिकानों पर हुई छापेमारी
सीबीआई ने न केवल भूपेश बघेल बल्कि उनके करीबी माने जाने वाले कई अन्य अधिकारियों और नेताओं के ठिकानों पर भी कार्रवाई की। जिन पर छापेमारी की गई, उनमें शामिल हैं:
– विनोद वर्मा (राजनीतिक सलाहकार)
– आईपीएस शेख आरिफ
– आईपीएस आनंद छाबड़ा
– आईपीएस अभिषेक पल्लव
– पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा
– एडिशनल एसपी संजय ध्रुव
– एडिशनल एसपी अभिषेक महेश्वरी
– आईपीएस प्रशांत अग्रवाल
– कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव
भूपेश बघेल पर क्या हैं आरोप?
4 मार्च 2025 को एसीबी द्वारा दायर चार्जशीट में भूपेश बघेल को आरोपी बनाया गया था। उन पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी के आरोप लगाए गए हैं। साथ ही, उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
भूपेश बघेल का बयान
सीबीआई की इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
सीबीआई की कार्रवाई का समय बेहद दिलचस्प है। ठीक अहमदाबाद में होने वाली AICC बैठक से पहले यह दबिश दी गई है। मैं 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में बैठक के लिए दिल्ली जा रहा था, लेकिन उससे पहले ही सीबीआई मेरे घर पहुंच गई।
टीएस सिंहदेव ने भाजपा पर साधा निशाना
छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने इस कार्रवाई को “राजनीति से प्रेरित” बताते हुए कहा कि भाजपा भूपेश बघेल की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है।
पहले भी हुई थी ईडी की छापेमारी
यह पहली बार नहीं है जब भूपेश बघेल के ठिकानों पर जांच एजेंसियों ने छापा मारा है। इससे पहले 10 मार्च 2025 को ईडी ने उनके भिलाई स्थित निवास पर छापा मारा था। उस दौरान 33 लाख रुपये नगद बरामद किए गए थे और बघेल तथा उनके परिवार से 11 घंटे तक पूछताछ की गई थी।
क्या है महादेव सट्टा एप घोटाला?
महादेव सट्टा एप एक ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म है, जिसका संचालन विदेश से किया जा रहा था। इस एप के जरिए करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ था, जिसमें कई प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता की बात सामने आई थी। इस घोटाले की जांच में अब तक कई बड़े नाम सामने आ चुके हैं।
क्या आगे और बढ़ेगी जांच?
विशेषज्ञों के अनुसार, सीबीआई की इस कार्रवाई के बाद घोटाले की जांच और तेज हो सकती है। राजनीतिक हलकों में इस कार्रवाई को लेकर काफी हलचल है, और आने वाले दिनों में इस पर और बड़े खुलासे हो सकते हैं।