Toll Staff Misbehavior : जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के बहुचर्चित बढ़ईगुड़ा टोल प्लाज़ा एक बार फिर विवादों में है। रविवार को दंतेवाड़ा से लौट रहे सोनपाल निवासी एक परिवार के साथ टोल विवाद के चलते तनावपूर्ण स्थिति बन गई। परिजनों का आरोप है कि टोल कर्मचारियों ने न सिर्फ दुर्व्यवहार किया बल्कि हाथापाई पर भी उतारू हो गए। (Toll Staff Misbehavior)
जानकारी के मुताबिक, पीड़ित परिवार स्कॉर्पियो वाहन से मां दंतेश्वरी के दर्शन कर लौट रहा था। टोल प्लाज़ा पहुंचते ही कर्मचारियों ने वाहन को यह कहकर रोक लिया कि यह “ब्लैकलिस्टेड” है। परिवार ने बताया कि उनका वाहन लोकल पासिंग का है और टोल से छूट प्राप्त है, फिर भी कर्मचारियों ने उनसे जबरन टोल शुल्क की मांग की।
बात इतनी बढ़ गई कि कहासुनी हाथापाई में बदल गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि टोल कर्मी नशे की हालत में थे, जिससे हालात और बिगड़ गए। घटना की सूचना मिलने पर बस्तर पुलिस मौके पर पहुंची और तत्काल कार्रवाई करते हुए विवाद में शामिल कर्मचारियों को हिरासत में लेकर मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा। पीड़ित परिवार ने बस्तर थाने में लिखित शिकायत दी है और टोल कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
Toll Staff Misbehavior : बार-बार उठते सवाल, नहीं सुधर रहा टोल प्रबंधन
बढ़ईगुड़ा टोल प्लाज़ा पर यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का विवाद सामने आया हो। पूर्व में भी कई बार स्थानीय नागरिकों ने कर्मचारियों के अभद्र व्यवहार, तकनीकी समस्याएं और नियमों की अनदेखी की शिकायतें की हैं। (Toll Staff Misbehavior)
एनएचएआई के नियमों के अनुसार, यदि किसी वाहन का FASTag स्कैन नहीं हो पा रहा है या सर्वर की समस्या है, तो वाहन को अधिकतम 10 सेकंड के भीतर बिना शुल्क पास करना अनिवार्य है। वहीं, लोकल पासिंग वाहनों को टोल में छूट देने के स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं, जिनका अक्सर उल्लंघन किया जा रहा है।
Toll Staff Misbehavior : हेल्प डेस्क और प्रशिक्षण का अभाव
स्थानीय लोगों का कहना है कि टोल प्लाज़ा पर तकनीकी सहायता के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। हेल्प डेस्क का अभाव और कर्मचारियों का अपर्याप्त प्रशिक्षण आए दिन विवाद की जड़ बन रहा है। (Toll Staff Misbehavior)
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और टोल प्रबंधन से जवाब मांगा गया है। क्षेत्रीय नागरिकों ने टोल व्यवस्था में सुधार और जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है।