Friday, June 27, 2025
Homeअन्य खबरेChhattisgarh literature : दिवंगत डॉ. सुरेंद्र दुबे के घर पहुंचे सीएम विष्णुदेव...

Chhattisgarh literature : दिवंगत डॉ. सुरेंद्र दुबे के घर पहुंचे सीएम विष्णुदेव साय, अर्पित की श्रद्धांजलि, परिजनों को दिया भरोसा– ‘सरकार आपके साथ खड़ी है’…

Chhattisgarh literature : दिवंगत डॉ. सुरेंद्र दुबे के घर पहुंचे सीएम विष्णुदेव साय,

Chhattisgarh literature : रायपुर। छत्तीसगढ़ की धरती ने आज अपने एक अनमोल सपूत को खो दिया। हास्य और व्यंग्य के माध्यम से समाज को आइना दिखाने वाले पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का निधन हो गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उनके निवास पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक-संतप्त परिजनों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी समेत कई जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद रहे। (Chhattisgarh literature)

यह भी पढ़ें :- Raipur crime news : बाथरूम में झांकने की शर्मनाक हरकत, विरोध करने पर हमला, फिर पुलिस ने बदमाशों का निकाला जुलूस…

मुख्यमंत्री साय ने सोशल मीडिया पर लिखा,

“डॉ. सुरेंद्र दुबे का जाना केवल छत्तीसगढ़ नहीं, समूचे साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।”

उन्होंने आगे कहा कि डॉ. दुबे ने छत्तीसगढ़ी भाषा को वैश्विक पहचान दिलाई और हास्य-व्यंग्य की प्रस्तुति को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।

यह भी पढ़ें :- Villagers catch thieves : बाइक चुराने आए थे दो युवक… भीड़ ने बाइक से बांधकर कर दी बेरहमी से पिटाई… वीडियो हो रहा वायरल…

Chhattisgarh literature : सीएम विष्णुदेव साय

कल अंतिम विदाई

डॉ. दुबे की अंतिम यात्रा 27 जून, गुरुवार को सुबह 10:30 बजे उनके निवास अशोका प्लैटिनम बंगला नं. 25 से मारवाड़ी श्मशान घाट के लिए निकलेगी। आज उनके पार्थिव शरीर को घर में अंतिम दर्शन हेतु रखा गया है। देश के जाने-माने कवि कुमार विश्वास सहित कई नामचीन हस्तियां अंतिम दर्शन के लिए पहुंचेंगी। (Chhattisgarh literature)

यह भी पढ़ें :- GST Raid Chhattisgarh : गुटखा फैक्ट्री पर छापा: छत्तीसगढ़ में स्टेट जीएसटी की बड़ी कार्रवाई, भारी मात्रा में जब्त हुआ सामान…

हँसी के पीछे छुपे गहरे संदेश

डॉ. दुबे ने अपनी रचनाओं से केवल हँसाया नहीं, बल्कि समाज की विकृतियों, राजनीति की विसंगतियों और मानवीय पीड़ा को भी शब्दों में ढाला। उनका हर मंचीय प्रदर्शन एक गहरी सोच के साथ जुड़ा होता था। वे शब्दों के ऐसे जादूगर थे जो हँसी में भी दर्द और व्यंग्य में भी समाधान ढूंढ लाते थे।

एक बहुआयामी व्यक्तित्व

जन्म: 8 अगस्त 1953, बेमेतरा

पेशा: आयुर्वेदिक चिकित्सक

साहित्यिक पहचान: हास्य और व्यंग्य कवि

प्रमुख सम्मान: पद्मश्री (2010), काका हाथरसी हास्य रत्न (2008), पं. सुंदरलाल शर्मा सम्मान, अट्टहास सम्मान

अंतरराष्ट्रीय पहचान: वाशिंगटन में “हास्य शिरोमणि सम्मान”, शिकागो में “छत्तीसगढ़ रत्न” उनके साहित्य पर तीन विश्वविद्यालयों द्वारा पीएचडी शोध कार्य

शब्दों से दिल जीतने वाला कवि

डॉ. सुरेंद्र दुबे न केवल भारत के मंचों पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक आयोजनों में भी अपनी छाप छोड़ चुके थे। उन्होंने भाषा और हँसी को जोड़ते हुए एक ऐसा मंच बनाया, जहाँ संवेदना, व्यंग्य और हास्य का अद्भुत संगम देखने को मिलता था।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular Posts

Chhattisgarh literature : दिवंगत डॉ. सुरेंद्र दुबे के घर पहुंचे सीएम विष्णुदेव साय, Chhattisgarh literature : रायपुर। छत्तीसगढ़ की धरती ने आज अपने एक अनमोल सपूत को खो दिया। हास्य और व्यंग्य के माध्यम से समाज को आइना दिखाने वाले पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का निधन हो गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उनके निवास पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक-संतप्त परिजनों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी समेत कई जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद रहे। (Chhattisgarh literature) यह भी पढ़ें :- Raipur crime news : बाथरूम में झांकने की शर्मनाक हरकत, विरोध करने पर हमला, फिर पुलिस ने बदमाशों का निकाला जुलूस… मुख्यमंत्री साय ने सोशल मीडिया पर लिखा, "डॉ. सुरेंद्र दुबे का जाना केवल छत्तीसगढ़ नहीं, समूचे साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।" उन्होंने आगे कहा कि डॉ. दुबे ने छत्तीसगढ़ी भाषा को वैश्विक पहचान दिलाई और हास्य-व्यंग्य की प्रस्तुति को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। यह भी पढ़ें :- Villagers catch thieves : बाइक चुराने आए थे दो युवक… भीड़ ने बाइक से बांधकर कर दी बेरहमी से पिटाई… वीडियो हो रहा वायरल… Chhattisgarh literature : सीएम विष्णुदेव साय कल अंतिम विदाई डॉ. दुबे की अंतिम यात्रा 27 जून, गुरुवार को सुबह 10:30 बजे उनके निवास अशोका प्लैटिनम बंगला नं. 25 से मारवाड़ी श्मशान घाट के लिए निकलेगी। आज उनके पार्थिव शरीर को घर में अंतिम दर्शन हेतु रखा गया है। देश के जाने-माने कवि कुमार विश्वास सहित कई नामचीन हस्तियां अंतिम दर्शन के लिए पहुंचेंगी। (Chhattisgarh literature) यह भी पढ़ें :- GST Raid Chhattisgarh : गुटखा फैक्ट्री पर छापा: छत्तीसगढ़ में स्टेट जीएसटी की बड़ी कार्रवाई, भारी मात्रा में जब्त हुआ सामान… हँसी के पीछे छुपे गहरे संदेश डॉ. दुबे ने अपनी रचनाओं से केवल हँसाया नहीं, बल्कि समाज की विकृतियों, राजनीति की विसंगतियों और मानवीय पीड़ा को भी शब्दों में ढाला। उनका हर मंचीय प्रदर्शन एक गहरी सोच के साथ जुड़ा होता था। वे शब्दों के ऐसे जादूगर थे जो हँसी में भी दर्द और व्यंग्य में भी समाधान ढूंढ लाते थे। एक बहुआयामी व्यक्तित्व जन्म: 8 अगस्त 1953, बेमेतरा पेशा: आयुर्वेदिक चिकित्सक साहित्यिक पहचान: हास्य और व्यंग्य कवि प्रमुख सम्मान: पद्मश्री (2010), काका हाथरसी हास्य रत्न (2008), पं. सुंदरलाल शर्मा सम्मान, अट्टहास सम्मान अंतरराष्ट्रीय पहचान: वाशिंगटन में "हास्य शिरोमणि सम्मान", शिकागो में "छत्तीसगढ़ रत्न" उनके साहित्य पर तीन विश्वविद्यालयों द्वारा पीएचडी शोध कार्य शब्दों से दिल जीतने वाला कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे न केवल भारत के मंचों पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक आयोजनों में भी अपनी छाप छोड़ चुके थे। उन्होंने भाषा और हँसी को जोड़ते हुए एक ऐसा मंच बनाया, जहाँ संवेदना, व्यंग्य और हास्य का अद्भुत संगम देखने को मिलता था।