गरियाबंद: बेटियों ने निभाया बेटों का फर्ज, पिता को दी मुखाग्नि/
देवभोग में बेटियों का साहस भरा कदम
गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के देवभोग में एक मार्मिक और प्रेरणादायक घटना ने सबका दिल छू लिया। पिता हरलाल सिन्हा (47 वर्ष) की आकस्मिक मौत के बाद उनकी तीन बेटियों ने न केवल अपने पिता को कंधा दिया, बल्कि अंतिम संस्कार की सारी रस्में निभाते हुए मुखाग्नि भी दी।
पिता की मौत से टूटा परिवार
देवभोग मांझीपारा निवासी हरलाल सिन्हा के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब उनकी अचानक मृत्यु हो गई। हरलाल के कोई बेटा नहीं था, केवल तीन बेटियां – रानी, भूमि और भावना हैं। समाज की परंपराओं को दरकिनार करते हुए बेटियों ने न केवल श्मशान तक अपने पिता का शव कंधे पर लेकर पहुंचाया, बल्कि उनकी चिता को भी मुखाग्नि दी।
नगर के लोग बने गवाह
इस दुखद घटना के दौरान श्मशान घाट पर बड़ी संख्या में नगर के लोग और परिवार के सदस्य मौजूद रहे। सभी ने इस क्षण में बेटियों के साहस और समर्पण की सराहना की। तीनों बहनों ने अपने पिता के प्रति जो प्रेम और कर्तव्य दिखाया, वह समाज के लिए मिसाल बन गया।
सामाजिक बंधनों को दी चुनौती
हरलाल सिन्हा की बेटियों का यह कदम समाज में बेटियों के महत्व और उनकी शक्ति को रेखांकित करता है। जहां अब तक ऐसी परंपराएं बेटों के लिए तय मानी जाती थीं, वहां इन बेटियों ने साबित किया कि बेटियां किसी से कम नहीं।
बेटियों के इस साहस को मिली सराहना
नगर के वरिष्ठ नागरिकों और परिजनों ने बेटियों की हिम्मत की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह घटना समाज के सोचने के तरीके को बदलने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो बेटियों को कमतर समझते हैं।
पिता के प्रति बेटियों का प्यार अमर
हरलाल की तीनों बेटियों ने अपने पिता के प्रति जो सम्मान और कर्तव्य दिखाया, वह आने वाले समय में बेटियों को नई प्रेरणा देगा। इस घटना ने साबित किया कि बेटियां हर जिम्मेदारी निभाने में सक्षम हैं।