Monday, June 16, 2025
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पिता ने जुगाड़ में बनाया ई- बाइक… बेटे के चेहरे पर आई मुस्कान… 6 घंटे चार्ज में 80 km कर सकते है सफर…

बालोद। छत्तीसगढ़ का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। जहां वेल्डर पिता ने बेटे को स्कूल आने जाने में परेशानी को देखकर उन्होंने की ई बाइक साइकिल जुगाड़ में बना दिया। जो कि अब चर्चा के विषय बने हुए हैं। बता दें कि इस इनोवेटिव आइडिया के चलते अब उसे ऑर्डर भी मिलने लगे हैं।

जानकारी के मुताबिक बालोद जिले के ग्राम दुचेरा के रहने वाले संतोष साहू वेल्डर हैं। उनका बेटा किशन साहू कक्षा 8वीं में है और 6वीं से ही आत्मानंद स्कूल में पढ़ना शुरू किया है। यह स्कूल 20 किलोमीटर दूर अर्जुदा गांव में है।

इंटरनेट देखकर बनाया ई- बाइक

संतोष ने बताया कि बच्चों को स्कूल आने जाने में काफी परेशानी होती थी नहीं सही टाइम पर बस मिलती थी ना ही सही टाइम में बच्चा घर वापस आ पाता था। इस परेशानी को देखकर मैंने इंटरनेट के जरिए बाइक साइकिल बनाई। वही आज मेरा बेटा बहुत खुश है इस खुशी को देखकर मुझे बहुत ज्यादा खुशी मिल रही है अब मेरा बेटा सही टाइम में स्कूल जाता है। सही टाइम स्कूल से वापस भी आ जाता है।

एक बार चार्ज में 2 दिन आराम से चलता हूं साइकिल

किशन ने बताया कि साइकिल को एक बार चार्ज करता हूं। पूरे दिन आराम स्कूल से आना जाना हो जाता हैं। पिछले तीन महीने से इसी साइकिल में मैं रोज स्कूल आना जाना कर रहा हूं। पापा ने मेरी परेशानी को देखकर मेरे लिए एक कबाड़ से साइकिल खरीदी फिर उसमें चार्जिंग वाला बैटरी लगाया। और साइकिल में एक्सीलेटर लगाए जिससे मैं समय पर स्कूल से घर  आना जाना करता हूं।

6 घंटे चार्ज में 80km कर सकते है सफर

संतोष ने बताया कि जब मेरे बच्चे का वीडियो सोशल मीडिया पर लोगों तक पहुंचा। इसके बाद मुझे तीन साइकिल बनाने का ऑर्डर भी मिला। इसे मैने अपने बच्चे के लिए बनाया। ना ही बिजनेस करने के लिए बनाया हूं। मेरी मजबूरी थी। कि मेरा बेटा अच्छे से पढ़ाई लिखाई करें। इसी कारण मैंने बैटरी वाला साइकिल बनाया। उन्होंने इस साइकिल के बारे में ही बताया कि 6 घंटा चार्ज करने के बाद 80 किलोमीटर तक चला सकते हैं।

अलग – अलग जगहों से खरीदा था सामान

आपको बता दे की संतोष वेल्डिंग का काम करता है। और गांव में उनकी दुकान है। उन्होंने बताया कि अलग-अलग जगह से सामान खरीद कर साइकिल को बनाया है। दो दिनों के मेहनत में यह कारनामा करके दिखाया है। आज मैं इतना खुश हूं की क्या ही बताओ एक पिता को और क्या चाहिए। मेरा बेटा खुश है और खुशी से स्कूल से आना जाना करता है।

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बालोद। छत्तीसगढ़ का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। जहां वेल्डर पिता ने बेटे को स्कूल आने जाने में परेशानी को देखकर उन्होंने की ई बाइक साइकिल जुगाड़ में बना दिया। जो कि अब चर्चा के विषय बने हुए हैं। बता दें कि इस इनोवेटिव आइडिया के चलते अब उसे ऑर्डर भी मिलने लगे हैं। जानकारी के मुताबिक बालोद जिले के ग्राम दुचेरा के रहने वाले संतोष साहू वेल्डर हैं। उनका बेटा किशन साहू कक्षा 8वीं में है और 6वीं से ही आत्मानंद स्कूल में पढ़ना शुरू किया है। यह स्कूल 20 किलोमीटर दूर अर्जुदा गांव में है। इंटरनेट देखकर बनाया ई- बाइक संतोष ने बताया कि बच्चों को स्कूल आने जाने में काफी परेशानी होती थी नहीं सही टाइम पर बस मिलती थी ना ही सही टाइम में बच्चा घर वापस आ पाता था। इस परेशानी को देखकर मैंने इंटरनेट के जरिए बाइक साइकिल बनाई। वही आज मेरा बेटा बहुत खुश है इस खुशी को देखकर मुझे बहुत ज्यादा खुशी मिल रही है अब मेरा बेटा सही टाइम में स्कूल जाता है। सही टाइम स्कूल से वापस भी आ जाता है। एक बार चार्ज में 2 दिन आराम से चलता हूं साइकिल किशन ने बताया कि साइकिल को एक बार चार्ज करता हूं। पूरे दिन आराम स्कूल से आना जाना हो जाता हैं। पिछले तीन महीने से इसी साइकिल में मैं रोज स्कूल आना जाना कर रहा हूं। पापा ने मेरी परेशानी को देखकर मेरे लिए एक कबाड़ से साइकिल खरीदी फिर उसमें चार्जिंग वाला बैटरी लगाया। और साइकिल में एक्सीलेटर लगाए जिससे मैं समय पर स्कूल से घर  आना जाना करता हूं। 6 घंटे चार्ज में 80km कर सकते है सफर संतोष ने बताया कि जब मेरे बच्चे का वीडियो सोशल मीडिया पर लोगों तक पहुंचा। इसके बाद मुझे तीन साइकिल बनाने का ऑर्डर भी मिला। इसे मैने अपने बच्चे के लिए बनाया। ना ही बिजनेस करने के लिए बनाया हूं। मेरी मजबूरी थी। कि मेरा बेटा अच्छे से पढ़ाई लिखाई करें। इसी कारण मैंने बैटरी वाला साइकिल बनाया। उन्होंने इस साइकिल के बारे में ही बताया कि 6 घंटा चार्ज करने के बाद 80 किलोमीटर तक चला सकते हैं। अलग - अलग जगहों से खरीदा था सामान आपको बता दे की संतोष वेल्डिंग का काम करता है। और गांव में उनकी दुकान है। उन्होंने बताया कि अलग-अलग जगह से सामान खरीद कर साइकिल को बनाया है। दो दिनों के मेहनत में यह कारनामा करके दिखाया है। आज मैं इतना खुश हूं की क्या ही बताओ एक पिता को और क्या चाहिए। मेरा बेटा खुश है और खुशी से स्कूल से आना जाना करता है।