Tuesday, June 17, 2025
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पंच से लेकर मंत्री, जेल तक का सफर: कवासी लखमा की राजनीति, जानिए, पढ़ाई और ‘दादी’ बनने की कहानी…

कवासी लखमा की गिरफ्तारी और छत्तीसगढ़ शराब घोटाला/

बस्तर के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कवासी लखमा को ईडी ने किया गिरफ्तार/

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री कवासी लखमा को आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के सिलसिले में हुई है, जिसमें उनका और उनके बेटे हरीश लखमा का नाम सामने आया था।

शराब घोटाला और कवासी लखमा की भूमिका

ईडी द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में यह आरोप लगाया गया था कि कवासी लखमा को शराब सिंडिकेट से हर महीने 50 लाख रुपये मिलते थे। इस घोटाले में उनके बेटे हरीश लखमा का भी नाम आया था। जांच एजेंसी द्वारा पिछले महीने कवासी और उनके बेटे से पूछताछ की गई थी, जिससे यह बात सामने आई कि वे शराब विभाग के अधिकारियों के निर्देशों पर हस्ताक्षर करते थे, जबकि खुद को अनपढ़ बताया था।

मंत्री बनने का प्रभाव और घोटाले में नाम आना

2018 में जब कवासी लखमा को कोंटा विधानसभा सीट से जीतने के बाद कांग्रेस सरकार में आबकारी और उद्योग मंत्री बनाया गया, तो उसी दौरान छत्तीसगढ़ का सबसे चर्चित शराब घोटाला हुआ। इस घोटाले में उनका नाम भी सामने आया, जिसके बाद ईडी ने उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाए और गिरफ्तारी की कार्रवाई की।

कवासी लखमा की राजनीति में सफलता

कवासी लखमा ने 1998 में पहली बार कोंटा विधानसभा से चुनाव जीता और उसके बाद 2023 में छठी बार विजयी हुए। उनके राजनीतिक जीवन में कई बड़े बदलाव आए, जिसमें 2018 में उन्हें कांग्रेस सरकार द्वारा मंत्री बनाया गया था। हालांकि, शराब घोटाले में नाम आने के बाद, राजनीतिक हलकों में चर्चा थी कि उनका चुनाव लड़ना मुश्किल होगा, लेकिन उन्होंने 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की।

जाने कवासी लखमा को ‘दादी’ क्यों कहते हैं?

बस्तर में कवासी लखमा को ‘दादी’ के नाम से जाना जाता है। यहां ‘दादी’ शब्द का अर्थ होता है किसी को अत्यधिक प्रेम और सम्मान देना। उनका यह सम्मान उनके राजनीतिक जीवन और समाज में उनकी भूमिका को लेकर है।

पूर्व मंत्री कवासी लखमा का जीवन परिचय

कवासी लखमा का जन्म 1953 में सुकमा जिले के ग्राम नागारास में हुआ था। वे गोंड आदिवासी समाज से आते हैं और माडिया जाति के हैं। उनके पिता स्व: कवासी हिड़मा है। वे पांचवी कक्षा तक पढ़ाई की है। लेकिन उन्हें पांच भाषाओं की ज्ञान है। राजनीति में कदम रखने से पहले वे पंचायत के पंच पद से जुड़े थे और दो बार सर्वश्रेष्ठ सरपंच पुरस्कार भी जीत चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न समितियों में सदस्य के रूप में कार्य किया और विदेश यात्रा भी की।

कवासी लखमा का राजनीतिक यात्रा

कवासी लखमा की राजनीतिक यात्रा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी से शुरू हुई थी और वे 1998 से 2023 तक लगातार कोंटा विधानसभा से विधायक चुने गए। उन्होंने छत्तीसगढ़ विधानसभा में विभिन्न समितियों में भी काम किया और कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।

2023 में चुनाव जीतने के बाद भी विवाद

2023 में छठी बार विधायक चुने जाने के बावजूद, शराब घोटाले में उनका नाम आने से उनका राजनीतिक भविष्य सवालों के घेरे में आ गया। हालांकि, उन्होंने फिर भी जीत हासिल की और कांग्रेस पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए बस्तर से प्रत्याशी घोषित किया। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

कवासी लखमा की गिरफ्तारी: राजनीतिक हलकों में चर्चा

कवासी लखमा की गिरफ्तारी ने छत्तीसगढ़ के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। शराब घोटाले के आरोपों के बाद उनका राजनीतिक करियर अब एक नई दिशा में जा सकता है।

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कवासी लखमा की गिरफ्तारी और छत्तीसगढ़ शराब घोटाला/ बस्तर के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कवासी लखमा को ईडी ने किया गिरफ्तार/ बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री कवासी लखमा को आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले के सिलसिले में हुई है, जिसमें उनका और उनके बेटे हरीश लखमा का नाम सामने आया था। शराब घोटाला और कवासी लखमा की भूमिका ईडी द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में यह आरोप लगाया गया था कि कवासी लखमा को शराब सिंडिकेट से हर महीने 50 लाख रुपये मिलते थे। इस घोटाले में उनके बेटे हरीश लखमा का भी नाम आया था। जांच एजेंसी द्वारा पिछले महीने कवासी और उनके बेटे से पूछताछ की गई थी, जिससे यह बात सामने आई कि वे शराब विभाग के अधिकारियों के निर्देशों पर हस्ताक्षर करते थे, जबकि खुद को अनपढ़ बताया था। मंत्री बनने का प्रभाव और घोटाले में नाम आना 2018 में जब कवासी लखमा को कोंटा विधानसभा सीट से जीतने के बाद कांग्रेस सरकार में आबकारी और उद्योग मंत्री बनाया गया, तो उसी दौरान छत्तीसगढ़ का सबसे चर्चित शराब घोटाला हुआ। इस घोटाले में उनका नाम भी सामने आया, जिसके बाद ईडी ने उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाए और गिरफ्तारी की कार्रवाई की। कवासी लखमा की राजनीति में सफलता कवासी लखमा ने 1998 में पहली बार कोंटा विधानसभा से चुनाव जीता और उसके बाद 2023 में छठी बार विजयी हुए। उनके राजनीतिक जीवन में कई बड़े बदलाव आए, जिसमें 2018 में उन्हें कांग्रेस सरकार द्वारा मंत्री बनाया गया था। हालांकि, शराब घोटाले में नाम आने के बाद, राजनीतिक हलकों में चर्चा थी कि उनका चुनाव लड़ना मुश्किल होगा, लेकिन उन्होंने 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की। जाने कवासी लखमा को 'दादी' क्यों कहते हैं? बस्तर में कवासी लखमा को 'दादी' के नाम से जाना जाता है। यहां 'दादी' शब्द का अर्थ होता है किसी को अत्यधिक प्रेम और सम्मान देना। उनका यह सम्मान उनके राजनीतिक जीवन और समाज में उनकी भूमिका को लेकर है। पूर्व मंत्री कवासी लखमा का जीवन परिचय कवासी लखमा का जन्म 1953 में सुकमा जिले के ग्राम नागारास में हुआ था। वे गोंड आदिवासी समाज से आते हैं और माडिया जाति के हैं। उनके पिता स्व: कवासी हिड़मा है। वे पांचवी कक्षा तक पढ़ाई की है। लेकिन उन्हें पांच भाषाओं की ज्ञान है। राजनीति में कदम रखने से पहले वे पंचायत के पंच पद से जुड़े थे और दो बार सर्वश्रेष्ठ सरपंच पुरस्कार भी जीत चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न समितियों में सदस्य के रूप में कार्य किया और विदेश यात्रा भी की। कवासी लखमा का राजनीतिक यात्रा कवासी लखमा की राजनीतिक यात्रा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी से शुरू हुई थी और वे 1998 से 2023 तक लगातार कोंटा विधानसभा से विधायक चुने गए। उन्होंने छत्तीसगढ़ विधानसभा में विभिन्न समितियों में भी काम किया और कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। 2023 में चुनाव जीतने के बाद भी विवाद 2023 में छठी बार विधायक चुने जाने के बावजूद, शराब घोटाले में उनका नाम आने से उनका राजनीतिक भविष्य सवालों के घेरे में आ गया। हालांकि, उन्होंने फिर भी जीत हासिल की और कांग्रेस पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए बस्तर से प्रत्याशी घोषित किया। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। कवासी लखमा की गिरफ्तारी: राजनीतिक हलकों में चर्चा कवासी लखमा की गिरफ्तारी ने छत्तीसगढ़ के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। शराब घोटाले के आरोपों के बाद उनका राजनीतिक करियर अब एक नई दिशा में जा सकता है।