Tuesday, June 17, 2025
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फर्जीवाड़े की आड़ में मौत का खेल: दमोह जेल से बिलासपुर लाया गया आरोपी फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य, सरकंडा पुलिस ने कोर्ट में किया पेश, अपोलो अस्पताल की संदिग्ध भूमिका से उठेगा पर्दा..

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर के चर्चित अपोलो अस्पताल फर्जी डॉक्टर मामले में सरकंडा पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है। आरोपी नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम को मध्यप्रदेश के दमोह जिला जेल से प्रोडक्शन वारंट के माध्यम से गिरफ़्तार कर बिलासपुर लाया गया, जहां उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

दरअसल, यह मामला 2 अगस्त 2006 को शुरू हुआ, जब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पं. राजेंद्र प्रसाद शुक्ला की मौत एंजियोप्लास्टी के दौरान हो गई थी। शिकायत पर जांच में सामने आया कि आरोपी की D.M. कार्डियोलॉजी की डिग्री फर्जी है। और उसका मेडिकल काउंसिल में कोई पंजीयन नहीं है।

आरोपी के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 466, 468, 471, 304 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इस प्रकरण को अत्यंत क्रूर मानव वध मानते हुए वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर जांच कर रही है, साथ ही अस्पताल प्रबंधन की भूमिका की भी गहनता से पड़ताल की जा रही है। इसी दौरान एक अन्य मरीज भगतराम की डॉ. डोडेजा के अधीन संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु की जांच भी आरंभ कर दी गई है। पूरे मामले में दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की दिशा में सख्त कार्रवाई की जा रही है।

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर के चर्चित अपोलो अस्पताल फर्जी डॉक्टर मामले में सरकंडा पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है। आरोपी नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम को मध्यप्रदेश के दमोह जिला जेल से प्रोडक्शन वारंट के माध्यम से गिरफ़्तार कर बिलासपुर लाया गया, जहां उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। दरअसल, यह मामला 2 अगस्त 2006 को शुरू हुआ, जब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पं. राजेंद्र प्रसाद शुक्ला की मौत एंजियोप्लास्टी के दौरान हो गई थी। शिकायत पर जांच में सामने आया कि आरोपी की D.M. कार्डियोलॉजी की डिग्री फर्जी है। और उसका मेडिकल काउंसिल में कोई पंजीयन नहीं है। आरोपी के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 466, 468, 471, 304 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इस प्रकरण को अत्यंत क्रूर मानव वध मानते हुए वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर जांच कर रही है, साथ ही अस्पताल प्रबंधन की भूमिका की भी गहनता से पड़ताल की जा रही है। इसी दौरान एक अन्य मरीज भगतराम की डॉ. डोडेजा के अधीन संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु की जांच भी आरंभ कर दी गई है। पूरे मामले में दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की दिशा में सख्त कार्रवाई की जा रही है।