Money Laundering Case : रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले में बड़ा मोड़ सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार किए गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। मंगलवार को ईडी रिमांड की अवधि खत्म होने पर चैतन्य को रायपुर की विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेजे जाने के आदेश दिए गए। (Money Laundering Case)
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ईडी ने 18 जुलाई, चैतन्य के जन्मदिन के दिन, भिलाई स्थित उनके आवास पर छापा मारकर उन्हें हिरासत में लिया था। एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें पूछताछ के लिए 5 दिन की रिमांड पर लिया था।
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शराब घोटाले में करोड़ों की अवैध कमाई का आरोप
ईडी की जांच में सामने आया है कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से करीब 16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (POC) प्राप्त हुई थी। यह धनराशि उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के माध्यम से प्रोजेक्ट्स में निवेश कर खपाई। जांच में यह भी सामने आया है कि इस रकम का उपयोग नकद भुगतान, फर्जी बैंक एंट्री और फ्लैट खरीद की आड़ में किया गया।
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ईडी ने दावा किया है कि चैतन्य ने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ साजिश रचते हुए अपने विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट में फ्लैटों की खरीद दिखाकर 5 करोड़ रुपये की राशि अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त की। बैंकिंग रिकॉर्ड्स से यह भी पुष्टि हुई है कि घोटाले की अवधि में ढिल्लों को शराब सिंडिकेट से भुगतान मिले।
1000 करोड़ से अधिक की पीओसी का संचालन
ईडी के अनुसार, चैतन्य बघेल ने 1000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध राशि का संचालन किया है। बताया गया है कि उन्होंने कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को भी यह राशि सौंपने के लिए अनवर ढेबर व अन्य के साथ समन्वय किया था। यह पैसा बघेल परिवार से जुड़े अन्य सहयोगियों के पास निवेश के रूप में भी भेजा गया।
पहले भी कई बड़ी गिरफ्तारियां
इस शराब घोटाले में ईडी पहले ही कई बड़े चेहरों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों , अनवर ढेबर, ITS अरुणपति त्रिपाठी और पूर्व मंत्री कवासी लखमा का नाम शामिल है।
जांच अभी जारी
फिलहाल, ईडी इस पूरे मामले की मनी ट्रेल और अंतिम लाभार्थियों की पहचान में जुटी है। मामले की जड़ें सत्ता के गलियारों तक जुड़ी बताई जा रही हैं, जिससे छत्तीसगढ़ की सियासत एक बार फिर गरमा गई है।