Tuesday, June 17, 2025
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नगरीय निकाय चुनाव: महापौर से लेकर अध्यक्ष पद के लिए खर्च की सीमा तय, होगी सख्त निगरानी…

बिलासपुर। प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव को लेकर अब तैयारी तेज हो गई है। राज्य में पांच साल बाद महापौर के अलावा नगर पालिका व नगर पंचायत के अध्यक्ष का डायरेक्ट चुनाव होगा। राज्य शासन ने उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा भी तय कर दी है। इसके लिए राजपत्र में प्रकाशन भी कर दिया है। महापौर पद के उम्मीदवारों को 15 से 25 लाख रुपये, नगरपालिका के अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों को 8 से 10 लाख व नगर पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी को छह लाख रुपये खर्च की लिमिट तय की गई है।

जनगणना के आधार पर तय खर्च

चुनाव कैंपेनिंग के लिए खर्च की लिमिट तय करते वक्त वर्ष 2011 की जनगणना को आधार माना गया है। मसलन जिन नगर निगमों की आबादी पांच लाख से अधिक होगी वहां के उम्मीदवारों को 25 लाख रुपये, तीन से पांच लाख की आबादी वाले निकायों के उम्मीदवारों को 20 लाख रुपये व तीन लाख से कम आबादी वाले निकायों के प्रत्याशियों को 15 लाख खर्च की सीमा तय की गई है। इसी प्रकार नगर पालिकाओं के उम्मीदवारों के लिए लिमिट तय कर दी है। 50 हजार से उऊपर की आबादी वाली पालिकाओं के उम्मीदवारों को 10 लाख रुपये व 50 हजार से कम आबादी वाली पालिकाओं के प्रत्याशियों के लिए खर्च की सीमा 8 लाख रुपये तय की गई है।

खर्च पर कड़ी निगरानी

लोकसभा व विधानसभा चुनाव की तर्ज पर उम्मीदवारों के कैंपेनिंग के दौरान किए जाने वाले खर्च को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आब्जर्वर की नियुक्ति की जाएगी। चुनाव के दौरान उम्मीदवारों को अलग से बैंक अकाउंट खोलने होंगे। इसी में चुनावी खर्च का हिसाब रहेगा। उम्मीदवारों के चुनाव संचालक द्वारा खर्च का हिसाब रीखा जाएगा।

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बिलासपुर। प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव को लेकर अब तैयारी तेज हो गई है। राज्य में पांच साल बाद महापौर के अलावा नगर पालिका व नगर पंचायत के अध्यक्ष का डायरेक्ट चुनाव होगा। राज्य शासन ने उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा भी तय कर दी है। इसके लिए राजपत्र में प्रकाशन भी कर दिया है। महापौर पद के उम्मीदवारों को 15 से 25 लाख रुपये, नगरपालिका के अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों को 8 से 10 लाख व नगर पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी को छह लाख रुपये खर्च की लिमिट तय की गई है। जनगणना के आधार पर तय खर्च चुनाव कैंपेनिंग के लिए खर्च की लिमिट तय करते वक्त वर्ष 2011 की जनगणना को आधार माना गया है। मसलन जिन नगर निगमों की आबादी पांच लाख से अधिक होगी वहां के उम्मीदवारों को 25 लाख रुपये, तीन से पांच लाख की आबादी वाले निकायों के उम्मीदवारों को 20 लाख रुपये व तीन लाख से कम आबादी वाले निकायों के प्रत्याशियों को 15 लाख खर्च की सीमा तय की गई है। इसी प्रकार नगर पालिकाओं के उम्मीदवारों के लिए लिमिट तय कर दी है। 50 हजार से उऊपर की आबादी वाली पालिकाओं के उम्मीदवारों को 10 लाख रुपये व 50 हजार से कम आबादी वाली पालिकाओं के प्रत्याशियों के लिए खर्च की सीमा 8 लाख रुपये तय की गई है। खर्च पर कड़ी निगरानी लोकसभा व विधानसभा चुनाव की तर्ज पर उम्मीदवारों के कैंपेनिंग के दौरान किए जाने वाले खर्च को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आब्जर्वर की नियुक्ति की जाएगी। चुनाव के दौरान उम्मीदवारों को अलग से बैंक अकाउंट खोलने होंगे। इसी में चुनावी खर्च का हिसाब रहेगा। उम्मीदवारों के चुनाव संचालक द्वारा खर्च का हिसाब रीखा जाएगा।