Monday, June 16, 2025
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न फेरे, न बैंड-बाजा, संविधान बना गवाह, प्रेमी जोड़े ने सात जन्मों का साथ निभाने की खाई कसम…

रायगढ़ में अनोखी शादी: संविधान की शपथ लेकर वैवाहिक बंधन में बंधा जोड़ा/

गुरु घासीदास जयंती पर लिया विशेष निर्णय

रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के कापू गांव में यमन लहरे और प्रतिमा महेश्वरी ने संविधान की शपथ लेकर शादी की। बिना फेरे, बिना मंत्रोच्चार और बिना धूमधाम के इस अनूठी शादी ने छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया।

फिजूल खर्च से बचने का लिया निर्णय

यमन और प्रतिमा ने फिजूलखर्ची से बचने और समाज को एक सकारात्मक संदेश देने के लिए संविधान को गवाह मानकर विवाह किया। उन्होंने गुरु घासीदास मंदिर में बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष संविधान की शपथ लेकर शादी की।

परिवार और समाज का समर्थन

दोनों परिवारों और समाज के वरिष्ठ जनों ने इस निर्णय का समर्थन किया। शादी के दौरान समाज के लोगों ने इस पहल की सराहना की और वर-वधू को आशीर्वाद दिया।

संत गुरु घासीदास के सिद्धांतों का पालन

समाज के पदाधिकारियों ने बताया कि उनका समाज संत गुरु घासीदास और डॉ. भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों पर चलता है। दोनों बालिगों ने स्वतंत्रता के अधिकार के तहत शादी करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सहर्ष स्वीकार किया गया।

प्रेरणा बनी यह शादी

इस अनूठी शादी ने दिखाया कि परंपराओं का पालन करते हुए भी नयापन लाया जा सकता है। यह पहल सामाजिक बदलाव और समानता की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।

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रायगढ़ में अनोखी शादी: संविधान की शपथ लेकर वैवाहिक बंधन में बंधा जोड़ा/ गुरु घासीदास जयंती पर लिया विशेष निर्णय रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के कापू गांव में यमन लहरे और प्रतिमा महेश्वरी ने संविधान की शपथ लेकर शादी की। बिना फेरे, बिना मंत्रोच्चार और बिना धूमधाम के इस अनूठी शादी ने छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया। फिजूल खर्च से बचने का लिया निर्णय यमन और प्रतिमा ने फिजूलखर्ची से बचने और समाज को एक सकारात्मक संदेश देने के लिए संविधान को गवाह मानकर विवाह किया। उन्होंने गुरु घासीदास मंदिर में बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष संविधान की शपथ लेकर शादी की। परिवार और समाज का समर्थन दोनों परिवारों और समाज के वरिष्ठ जनों ने इस निर्णय का समर्थन किया। शादी के दौरान समाज के लोगों ने इस पहल की सराहना की और वर-वधू को आशीर्वाद दिया। संत गुरु घासीदास के सिद्धांतों का पालन समाज के पदाधिकारियों ने बताया कि उनका समाज संत गुरु घासीदास और डॉ. भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों पर चलता है। दोनों बालिगों ने स्वतंत्रता के अधिकार के तहत शादी करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सहर्ष स्वीकार किया गया। प्रेरणा बनी यह शादी इस अनूठी शादी ने दिखाया कि परंपराओं का पालन करते हुए भी नयापन लाया जा सकता है। यह पहल सामाजिक बदलाव और समानता की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।