रायपुर। राजनांदगांव पुलिस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के चलते मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने इसे रद्द कर दिया। इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें चार आरक्षक भी शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों में परिधि निषाद, योगेश कुमार धुर्वे, पवन कुमार साहू, नुतेश्वरी धुर्वे, धर्मराज मरकाम और पुष्पा चंद्रवशी का नाम सामने आया है।
धांधली का खुलासा: मशीन से छेड़छाड़ और आर्थिक लुभावने ऑफर
लालबाग थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले की जांच में यह सामने आया कि भर्ती प्रक्रिया में अंक बढ़ाने के लिए मशीनों में छेड़छाड़ की गई। अभ्यर्थी मीना पात्रे ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने आर्थिक प्रलोभन देकर अंक बढ़वाने की कोशिश की। पर्याप्त सबूत मिलने पर उसे गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।
आरक्षक की आत्महत्या से उजागर हुआ घोटाला
21 दिसंबर को ग्राम रामपुर में आरक्षक अनिल कुमार रत्नाकर का शव फांसी के फंदे से लटका मिला। उनके हाथ पर लिखा मिला कि भर्ती प्रक्रिया में केवल कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, जबकि अधिकारी भी शामिल हैं। इस घटना के बाद मामला गरमा गया।
विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन
घोटाले की निष्पक्ष जांच के लिए राजनांदगांव रेंज के पुलिस महानिरीक्षक दीपक कुमार झा ने एसआईटी का गठन किया। टीम को 10 दिनों में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
आगे की कार्रवाई पर नजर
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए आवश्यक सुधार किए जाएंगे।
सरकार ने आश्वासन दिया है कि नई प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी, और उम्मीदवारों को इससे कोई नुकसान नहीं होगा।