बिलासपुर के इस ‘ढाबा माफिया’ की कहानी किसी फिल्मी सस्पेंस से कम नहीं — ऊपर से खाना, नीचे तहखाने में नशे का अड्डा!
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पुलिस अफसरों को भी चौंका दिया। आम नजरों से दिखने वाला एक साधारण सा ढाबा असल में नशे के काले कारोबार का अड्डा था। ढाबा मालिक श्याम श्रीवास और उसकी पत्नी सरोज श्रीवास, जिनकी पहचान स्थानीय निवासी के तौर पर होती थी, दरअसल प्रतिबंधित कफ सिरप, इंजेक्शन और गांजा के बड़े तस्कर निकले।
तहखाने से हुआ खुलासा
पुलिस ने जब ढाबे की गहराई में जाकर जांच की, तो ऐसा रहस्य सामने आया जिसने सबके होश उड़ा दिए। ढाबे के नीचे एक गुप्त तहखाना मिला, जिसमें भारी मात्रा में नशीली सामग्री छिपाकर रखी जाती थी। यह तहखाना पूरी तरह से योजनाबद्ध ढंग से बनाया गया था, ताकि किसी को शक न हो।
करोड़ों की अवैध कमाई, फिर बना ढाबा
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि श्याम और उसकी पत्नी ने नशे की तस्करी से मोटी कमाई की और फिर उस पैसे को वैध रूप देने के लिए ग्राम पांड़ (तखतपुर रोड) में करीब 1.5 करोड़ रुपये की संपत्ति बना डाली। इसमें 80 लाख की कृषि भूमि और 60 लाख का पक्का ढाबा शामिल है। लेकिन यह ढाबा महज दिखावा था — असली धंधा तहखाने में चलता था।
जब्त हुई ‘नशे की कमाई’
पुलिस ने ढाबे की जमीन, भवन और उसमें मौजूद सभी घरेलू व व्यवसायिक सामान जब्त कर लिए हैं। इनमें फ्रीजर, टीवी, कूलर, वाटर प्यूरीफायर, कीमती फर्नीचर और यहां तक कि एक चिड़ीमार बंदूक भी शामिल है। पूरा मामला SAFEMA एक्ट के तहत मुंबई कोर्ट में पेश किया गया है।
पहले भी पकड़े गए थे
यह पहली बार नहीं है जब यह दंपती पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। इससे पहले भी इन दोनों को नशे का सामान बेचते हुए पकड़ा गया था, लेकिन इस बार पुलिस ने ‘एंड टू एंड’ जांच करते हुए उनकी पूरी संपत्ति खंगाली और गहराई से जांच की। यही नहीं, पुलिस को यह भी प्रमाण मिले हैं कि उनके पास ढाबा छोड़कर कोई अन्य आमदनी का जरिया नहीं था
पुलिस का सख्त संदेश
एसएसपी रजनेश सिंह ने इस कार्रवाई को नशे के धंधेबाजों के लिए एक सख्त संदेश बताया है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ कार्रवाई नहीं, बल्कि उन लोगों के लिए चेतावनी है जो अवैध कमाई को वैध कारोबार की आड़ में छिपाने की कोशिश करते हैं।”
पुलिस अब तक 15 से ज्यादा ऐसे मामलों में करीब 5.5 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर SAFEMA कोर्ट में केस भेज चुकी है, और कोर्ट ने इन सभी जब्ती की कार्रवाई को जायज़ ठहराया है।