Tapkara Hostel : जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से एक बेहद संवेदनशील मामला सामने आया है, जहां प्री-मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास तपकरा में रह रहे मासूम बच्चों से सफाई कार्य करवाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि नाबालिग छात्र हॉस्टल परिसर में झाड़ियों की घास छीलते नजर आ रहे हैं। बच्चे नंगे हाथों से घास और कचरा इकट्ठा कर घमेला भरकर उसे परिसर से बाहर फेंकते दिखाई दे रहे हैं। (Tapkara Hostel)
यह पूरा मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि बाल अधिकारों का सीधा उल्लंघन भी है। छात्रावास में रह रहे आदिवासी बच्चों को पढ़ाई और सुरक्षित वातावरण देने की बजाय उनसे श्रम करवाया जाना बेहद निंदनीय है।
जानकारी के मुताबिक, यह घटना प्री-मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास तपकरा की है, जहां के अधीक्षक की लापरवाही के कारण बच्चों को ऐसे कार्यों में लगाया गया। वीडियो वायरल होने के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और उनके अधिकारों की निगरानी करने वाले जिम्मेदार अधिकारी कहां हैं?
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स्थानीय जनप्रतिनिधियों और बाल कल्याण समितियों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की मांग की है। यदि समय रहते इस तरह की घटनाओं पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर गंभीर असर डाल सकती है। फिलहाल, प्रशासनिक स्तर पर इस मामले की जांच की मांग की जा रही है, और दोषियों पर कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।