बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा थाना क्षेत्र में नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में आरोपी दिनेश कुमार निर्मलकर को अदालत ने दोषी करार देते हुए कुल 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
मामले का विवरण
प्रार्थी ने 11 जनवरी 2023 को अपनी नाबालिग पुत्री के गुमशुदगी की रिपोर्ट बलौदा थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की। साइबर सेल और मुखबिर की सूचना पर थाना प्रभारी निरीक्षक गोपाल सतपथी के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। सहायक उपनिरीक्षक कृष्णपाल कंवर, प्र.आर. गजाधर पाटनवार और महिला आरक्षक करूणा खैरवार ने जम्मू-कश्मीर के सतवारी रोड से नाबालिग को बरामद किया।
आरोपी दिनेश कुमार निर्मलकर (20 वर्ष), निवासी जर्वे (ब), बलौदा को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
अदालत का फैसला
अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) अनिल कुमार बारा ने आरोपी को विभिन्न धाराओं में दोषी ठहराया:
– धारा 363 IPC : 5 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹500 जुर्माना।
– धारा 366A IPC : 5 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹500 जुर्माना।
– धारा 376(2)(एन) IPC : 10 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹500 जुर्माना।
– पॉक्सो एक्ट, धारा 6 : 20 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹500 जुर्माना।
पुलिस और अभियोजन की सराहना
मामले में विशेष लोक अभियोजक चंद्र प्रताप सिंह ने अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी की। उत्कृष्ट विवेचना के लिए तत्कालीन थाना प्रभारी गोपाल सतपथी और उनकी टीम की सराहना की गई। बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने भी टीम के कार्य की प्रशंसा की।