बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के न्यायधानी में एक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक और 7 कर्मचारीयों पर कार्रवाई की गई है। बिलासपुर स्थित स्वास्थ्य केंद्र से आय दिन डॉक्टर और कर्मचारी नदारद रहते है। जिसे लेकर उन्हें शो कॉज नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। वहीं अब कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस का सही जवाब नहीं मिलने पर डॉक्टर सहित 7 कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
गायब डॉक्टरों का एक दिन का सैलरी काटने का कलेक्टर ने दिया आदेश
बता दें, स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों और कर्मचारियों के नदारद रहने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। समय रहते बीमारों को इलाज मिलना ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्देश्य है। लेकिन स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही करने से ऐसा नहीं होता। इसलिए इस मामले में प्रशासन ने कार्रवाई की है। कलेक्टर के निर्देश पर प्रशासन ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से नदारद रहने के लिए एक चिकित्सक और 7 कर्मचारियों के एक दिन की सैलरी काटने की कार्रवाई की है। इसके साथ ही उन्हें समय पर अस्पताल पहुंच कर मरीजों का इलाज करने की चेतावनी भी दी गई।
कलेक्टर ने जानकारी मिलने पर जताई नाराज़गी
मस्तुरी ब्लॉक के पीएचसी ओखर में 25 मई को ऑफिस टाइम में अस्पताल तालाबंद पाया गया। बड़ी संख्या में मरीज डॉक्टरों के आने का इंतजार कर रहे थे। कलेक्टर को जानकारी मिलने पर नाराज़गी जताई और कार्रवाई के निर्देश दिए। बीएमओ मस्तुरी द्वारा 28 मई को उन्हें शो कॉज नोटिस दिया गया। उनका जवाब संतोषप्रद नहीं पाए जाने पर एक दिन का वेतन काटने की सजा सुनाई गई है। उन्हें भविष्य में समय पर अस्पताल पहुंच कर मरीजों का इलाज करने की चेतावनी भी दी गई है। जिन डॉक्टर और कर्मचारियों के वेतन काटा जा रहा है, उनमें चिकित्सा अधिकारी डॉ. शिवशंकर नागेशी, आरएमए गोविंद प्रसाद बंजारे, नेत्र सहायक भागीरथी बंजारे, फार्मा ग्रेड 2 देवेंद्र बंजारा, स्टॉफ नर्स विभव कच्छप, स्टाफ नर्स शिवानी पाण्डेय तथा सहायक ग्रेड 3 नरेंद्र कुमार राठौर शामिल हैं।