महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में पुलिस महकमे से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। बागबाहरा थाने में तैनात सहायक उप निरीक्षक (ASI) दशरथी साहू (60) ने मंगलवार को ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली। उनका शव बागबाहरा के महावीर कॉम्प्लेक्स स्थित किराए के मकान में मिला।
बताया जा रहा है कि कोमाखान थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस मामले की जड़ें ASI और थाना प्रभारी अजय सिन्हा के बीच हुए विवाद में हैं। सूत्रों के अनुसार, एक मीटिंग में शामिल न होने को लेकर टीआई द्वारा गाली-गलौज की गई थी। इसके बावजूद साहू ड्यूटी पर पहुंचे, मगर मानसिक तनाव के चलते उन्होंने वापस लौटने के बाद यह खौफनाक कदम उठा लिया।
कैसे हुआ खुलासा?
दरअसल, बागबाहरा में ASI साहू अकेले रहते थे। उनका परिवार सरायपाली ब्लॉक के ग्राम पंचायत बैतारी में रहता है। मंगलवार को ASI साहू थाने नहीं पहुंचे। इसके बाद SDOP कार्यालय का स्टाफ उनके घर पहुंचा। वहां वे अचेत अवस्था में मिले। उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।
मृतक के परिजन उनकी मौत को हार्टअटैक से होना बता रहे हैं, जबकि बागबाहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के BMO बुधियार सिंह बढ़ाई का कहना है मैं ऑफिस में था। थाने वाले पोस्टमॉर्टम के लिए एक पुलिस स्टाफ की बॉडी लाए थे, जिसका डॉ. दीवान ने पोस्टमॉर्टम किया है। रिपोर्ट में जहर की पुष्टि हुई है।
कुछ महीने पहले हुआ था प्रमोशन
जानकारी के मुताबिक, दशरथी महासमुंद जिले के अलग-अलग थाना में आरक्षक के पद पर रहते हुए उन्होंने मुंशी के तौर पर लंबे समय तक अपनी सेवाएं दी है। करीब 6 महीने पहले ही वे आरक्षक से प्रधान आरक्षक फिर सहायक उपनिरीक्षक के पद पर प्रमोट हुए। अब उनके रिटायरमेंट में 2 साल बाकी था।
SP का बयान – बीमार रहता था आरक्षक
मामले में SP आशुतोष सिंह का कहना है कि थाने का ऑडियो वीडियो हमने देखा है। विवाद की बात झूठी है। वो बीमार रहते थे। समय पर ड्यूटी पर नहीं आते थे। पिछले 6 महीने से लगातार छुट्टी पर रहने लगे थे। SHO ने समझाइश दी थी, उसके 10 घंटे बाद की घटना हुई है। मामले की जांच की जा रही है।