रायगढ़। एसईसीएल की खदानों से स्थानीय उद्योगों को कोयला आपूर्ति में लगातार कमी आ रही है, जिससे परिवहन उद्योग संकट का सामना कर रहा है। ट्रक मालिकों का कहना है कि कोयले की शॉर्टेज के कारण उनके भाड़े से रकम काटी जा रही है। ट्रक मालिक संघ ने अपने बयान में कहा कि जब शॉर्टेज की बात आती है, तो ट्रांसपोर्टरों को जिम्मेदार ठहराते हुए यह मामला उद्योगों के पाले में डाल दिया जाता है, जबकि उद्योग इसे एसईसीएल के कांटे की समस्या बताते हैं। इस खींचतान में ट्रक मालिक आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
संघ का आरोप है कि खदानों में जानबूझकर कांटे को इस तरह से सेट किया जा रहा है कि कोयले की वास्तविक मात्रा से कम दिखाई दे। उनके मुताबिक, प्रति ट्रक लगभग 500 किलो कोयला कम तौला जा रहा है। यदि 500 गाड़ियों की लोडिंग पर यह गणना की जाए, तो प्रतिदिन लगभग 250 टन कोयला कम दिखाया जा रहा है, जिससे ट्रक मालिकों को बड़ा नुकसान हो रहा है। संघ ने यह भी आरोप लगाया कि बरोद खदान के सब एरिया अधिकारी से कई बार शिकायत करने के बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं किया गया है, और शॉर्टेज के नाम पर लगातार पैसे काटे जा रहे हैं।
संघ ने स्थानीय विधायक और वित्त मंत्री ओपी चौधरी तथा जिला भाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल से मांग की है कि इस समस्या को हल न कर पाने वाले अधिकारियों का तत्काल स्थानांतरण किया जाए, ताकि ट्रक मालिकों को राहत मिल सके और कोयला आपूर्ति में पारदर्शिता लाई जा सके।