Sunday, June 15, 2025
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विश्वविद्यालय का बाबू रंगे हाथों गिरफ्तार… पेंशन प्रकरण के निबटारे के लिए ले रहा था मोटी रकम…

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर के प्रतिष्ठित पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक विभाग में कार्यरत क्लर्क दीपक वर्मा को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की रायपुर इकाई ने 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई विश्वविद्यालय के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी से पेंशन प्रकरण को जल्दी निपटाने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप के बाद की गई।

जानकारी के अनुसार, दीपक वर्मा ने रिटायर्ड क्लर्क से उनके लंबित पेंशन प्रकरण को शीघ्रता से पूरा करने के एवज में 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। पीड़ित कर्मचारी ने इसकी शिकायत ACB से की, जिसके बाद ब्यूरो ने जाल बिछाकर कार्रवाई की योजना बनाई। शिकायतकर्ता के साथ मिलकर ACB की टीम ने दीपक वर्मा को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए मौके पर धर दबोचा। यह राशि पहली किश्त के रूप में ली जा रही थी।

ACB की रायपुर इकाई ने इस ऑपरेशन को गोपनीय और सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया। शिकायत मिलने के बाद, टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दीपक वर्मा को विश्वविद्यालय परिसर में ही रिश्वत लेते पकड़ा। प्रारंभिक जांच में पता चला कि दीपक वर्मा ने पहले भी कई लोगों से पेंशन और अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए रिश्वत मांगी थी। ACB अब इस मामले में गहन जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या अन्य कर्मचारी भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं।

यह घटना विश्वविद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थान में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करती है। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, जो छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख शैक्षणिक केंद्र है, में इस तरह की घटना ने कर्मचारियों और छात्रों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है। ACB ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है और दीपक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच में और भी खुलासे होने की संभावना है।

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर के प्रतिष्ठित पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक विभाग में कार्यरत क्लर्क दीपक वर्मा को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की रायपुर इकाई ने 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई विश्वविद्यालय के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी से पेंशन प्रकरण को जल्दी निपटाने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप के बाद की गई। जानकारी के अनुसार, दीपक वर्मा ने रिटायर्ड क्लर्क से उनके लंबित पेंशन प्रकरण को शीघ्रता से पूरा करने के एवज में 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। पीड़ित कर्मचारी ने इसकी शिकायत ACB से की, जिसके बाद ब्यूरो ने जाल बिछाकर कार्रवाई की योजना बनाई। शिकायतकर्ता के साथ मिलकर ACB की टीम ने दीपक वर्मा को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए मौके पर धर दबोचा। यह राशि पहली किश्त के रूप में ली जा रही थी। ACB की रायपुर इकाई ने इस ऑपरेशन को गोपनीय और सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया। शिकायत मिलने के बाद, टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दीपक वर्मा को विश्वविद्यालय परिसर में ही रिश्वत लेते पकड़ा। प्रारंभिक जांच में पता चला कि दीपक वर्मा ने पहले भी कई लोगों से पेंशन और अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए रिश्वत मांगी थी। ACB अब इस मामले में गहन जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या अन्य कर्मचारी भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं। यह घटना विश्वविद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थान में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करती है। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, जो छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख शैक्षणिक केंद्र है, में इस तरह की घटना ने कर्मचारियों और छात्रों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है। ACB ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है और दीपक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच में और भी खुलासे होने की संभावना है।