Tuesday, May 6, 2025
Homeअपराध18 लाख की हेराफेरी: सरकारी पैसे की बंदरबांट, क्लर्क ने ऐसे किया...

18 लाख की हेराफेरी: सरकारी पैसे की बंदरबांट, क्लर्क ने ऐसे किया गबन! बैंक खातों का जाल बिछाकर उड़ाए लाखों…

रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग में 18 लाख रुपये के गबन के आरोपी क्लर्क आकाश श्रीवास्तव को रायपुर पुलिस ने भोपाल से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने सरकारी धन को हेरफेर कर अपने और रिश्तेदारों के बैंक खातों में स्थानांतरित कर निजी उपयोग किया था।

कैसे हुआ घोटाला?

आकाश श्रीवास्तव, जो रीजनल ऑफिस में ग्रेड-2 क्लर्क के पद पर कार्यरत था, ने वर्ष 2023 से 2025 के बीच योजनाबद्ध तरीके से सरकारी धन का दुरुपयोग किया। उसने शासकीय धनराशि को फर्जी तरीके से विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया और फिर उसे मोबाइल बैंकिंग के जरिए निजी उपयोग के लिए निकाल लिया।

विभागीय जांच के बाद खुलासा

जब उच्च शिक्षा विभाग को वित्तीय अनियमितताओं की जानकारी मिली, तो 11 मार्च को उसे तत्काल निलंबित कर दिया गया। इसके बाद 18 मार्च को सरस्वती नगर पुलिस थाने में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने दो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के खातों का उपयोग भी धनराशि स्थानांतरित करने के लिए किया था।

भोपाल से हुई गिरफ्तारी

पुलिस जांच में जब आकाश श्रीवास्तव का भोपाल में छिपे होने का सुराग मिला, तो एक विशेष टीम का गठन किया गया। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने उसे भोपाल से गिरफ्तार कर लिया और अब उसे रायपुर लाकर आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

सरकारी धन के इस गबन मामले ने उच्च शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि इस घोटाले से जुड़े अन्य पहलुओं का भी खुलासा हो सके।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular Posts

रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग में 18 लाख रुपये के गबन के आरोपी क्लर्क आकाश श्रीवास्तव को रायपुर पुलिस ने भोपाल से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने सरकारी धन को हेरफेर कर अपने और रिश्तेदारों के बैंक खातों में स्थानांतरित कर निजी उपयोग किया था।

कैसे हुआ घोटाला?

आकाश श्रीवास्तव, जो रीजनल ऑफिस में ग्रेड-2 क्लर्क के पद पर कार्यरत था, ने वर्ष 2023 से 2025 के बीच योजनाबद्ध तरीके से सरकारी धन का दुरुपयोग किया। उसने शासकीय धनराशि को फर्जी तरीके से विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया और फिर उसे मोबाइल बैंकिंग के जरिए निजी उपयोग के लिए निकाल लिया।

विभागीय जांच के बाद खुलासा

जब उच्च शिक्षा विभाग को वित्तीय अनियमितताओं की जानकारी मिली, तो 11 मार्च को उसे तत्काल निलंबित कर दिया गया। इसके बाद 18 मार्च को सरस्वती नगर पुलिस थाने में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने दो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के खातों का उपयोग भी धनराशि स्थानांतरित करने के लिए किया था।

भोपाल से हुई गिरफ्तारी

पुलिस जांच में जब आकाश श्रीवास्तव का भोपाल में छिपे होने का सुराग मिला, तो एक विशेष टीम का गठन किया गया। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने उसे भोपाल से गिरफ्तार कर लिया और अब उसे रायपुर लाकर आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। सरकारी धन के इस गबन मामले ने उच्च शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि इस घोटाले से जुड़े अन्य पहलुओं का भी खुलासा हो सके।