Thursday, July 31, 2025
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2017 Kabirdham murder mystery : जिसे माना था भरोसेमंद, वही बना हत्यारा – कबीरधाम केस में सनसनीखेज खुलासा…

2017 Kabirdham murder mystery : जिसे माना था भरोसेमंद, वही बना हत्यारा

2017 Kabirdham murder mystery : कवर्धा। साल 2017 में जिले को हिला देने वाले डॉक्टर दंपति हत्याकांड का पुलिस ने 8 साल बाद खुलासा कर दिया है। मृतक दंपति के पूर्व वाहन चालक सत्यप्रकाश साहू को इस सनसनीखेज मामले में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि उसने सिर्फ डॉक्टर की हत्या की थी, जबकि डॉक्टर ने खुद अपनी पत्नी की जान ली थी। (2017 Kabirdham murder mystery)

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2017 Kabirdham murder mystery : अंजनेय यूनिवर्सिटी

जानिए क्या था पूरा मामला?

6 अप्रैल 2017 को कबीरधाम जिले के कैलाश नगर में डॉक्टर गणेश सूर्यवंशी और उनकी पत्नी डॉक्टर उषा सूर्यवंशी की लाशें उनके घर के आंगन में मिली थीं। घटना के वक्त हत्या की कोई ठोस कड़ी न मिलने के कारण मामला लंबे समय तक अनसुलझा ही रहा।

मामला तब दोबारा खुला जब वर्तमान एसपी धर्मेन्द्र सिंह ने जिले की कमान संभालते ही इस ठंडे पड़े केस को फिर से खोला। पुलिस की सघन जांच में सामने आया कि पूर्व ड्राइवर सत्यप्रकाश साहू संदेह के घेरे में है। उसे हिरासत में लेकर जब सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया।

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पत्नी की हत्या डॉक्टर ने की, फिर ड्राइवर ने डॉक्टर को मारा

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह डॉक्टर को 1.80 लाख रुपये उधार दे चुका था। पैसे मांगने डॉक्टर के घर गया तो पति-पत्नी के बीच झगड़ा चल रहा था। बहस इतनी बढ़ी कि डॉक्टर ने गुस्से में आकर पत्नी के सिर पर पत्थर से वार कर दिया। पत्नी ने भी जवाबी हमला किया लेकिन गंभीर रूप से घायल हो गई। इसके बाद डॉक्टर ने फिर हमला कर पत्नी की हत्या कर दी। इस पूरी घटना का चश्मदीद बना ड्राइवर सत्यप्रकाश डर गया कि डॉक्टर अब उसकी भी हत्या कर सकता है। इसी आशंका में उसने डॉक्टर को धक्का देकर गिराया और फिर सिर पर पत्थर मारकर उसकी भी हत्या कर दी।

हत्या के बाद आरोपी ने घर में फैले खून के निशान साफ किए, शवों को आंगन में रख दिया और सुबह होते ही घटनास्थल से निकल गया। बाद में वह दुर्ग भाग गया और डॉक्टर का एक मोबाइल भी साथ ले गया, जिसे गंडई में गिरवी रख दिया।

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हत्या के बाद आरोपी भी बना ‘तमाशबीन’

चौंकाने वाली बात यह रही कि 6 अप्रैल को जब पुलिस मौके पर जांच कर रही थी, तब आरोपी भीड़ में शामिल होकर तमाशबीन बना खड़ा था। पुलिस को भनक तक नहीं लगी कि वही असल हत्यारा है।

14 घंटे की पूछताछ में सच आया बाहर

आरोपी को पकड़े जाने के बाद पुलिस ने करीब 14 घंटे तक पूछताछ की। तकनीकी साक्ष्यों और साइबर टीम की मदद से कबीरधाम पुलिस ने इस जटिल केस को सुलझा लिया।

इनाम और सराहना

मामले को सुलझाने में उत्कृष्ट कार्य करने वाली टीम को पुलिस महानिरीक्षक अभिषेक शांडिल्य ने 30 हजार रुपये और एसपी धर्मेन्द्र सिंह ने 10 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है। इस केस में कोतवाली थाना प्रभारी लालजी सिन्हा, साइबर प्रभारी मनीष मिश्रा, उपनिरीक्षक संतोष ठाकुर और अन्य अधिकारियों का अहम योगदान रहा।

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