Tuesday, June 17, 2025
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चैत्र नवरात्रि की महानवमी को मां महामाया देवी का राजश्री श्रृंगार, दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु…

बिलासपुर। चैत्र नवरात्र के महानवमी को आदिशक्ति देवी मां महामाया को रानीहार कंठ हार, मोहर हार, ढार, चंद्रहार समेत 9 प्रकार के हार, करधन, नथ धारण कराया गया। जहाँ राजश्री श्रृंगार के बाद मां महामाया की महाआरती हुई। गौरतलब है कि चैत्र नवरात्र की नवमी पर बुधवार को रतनपुर माँ महामाया मंदिर में माँ महामाया का राजश्री श्रृंगार किया गया। प्रातः आरती और राजश्री नैवेद्य चढ़ाने के बाद ट्रस्ट द्वारा कन्या और ब्राम्हण भोज का आयोजन किया जाएगा।

राजश्री श्रृंगार के बाद मंदिर का पट खोला गया

कन्या, ब्राम्हण भोज के बाद दोपहर पूजन सामग्री के साथ पुजारी सभी ज्योति कलश कक्ष में प्रज्जवलित मनोकामना ज्योति कलश की पूजा अर्चना कर मंत्रोच्चार के साथ ज्योति विसर्जित की जाएगी। नवरात्रि की नवमीं तिथि को सुबह 6 बजे राजश्री श्रृंगार के बाद मंदिर का पट खोला गया।

मां महामाया देवी की श्रृंगार के बाद हुई महाआरती

ट्रस्ट के ट्रस्टी सतीश शर्मा ने बताया कि माता को रानीहार, कंठ हार, मोहर हार, ढार, चंद्रहार, समेत 9 प्रकार के हार, करधन, नथ धारण कराया गया। राजश्री श्रृंगार के बाद मां महामाया की महाआरती हुआ । पूजा अर्चना के बाद मां को राजश्री नैवेद्य समर्पित किया गया।

मंदिर के पुरोहितों समेत ब्राम्हणों को कराया गया भोज

आज दोपहर मंदिर परिसर में कन्या भोज होगा। वही ब्राम्हण भोज का आयोजन में मंदिर के पुरोहितों समेत ब्राम्हणों को भोज कराया गया । कन्या और ब्राम्हण भोज के बाद ज्योति कलश रक्षकों को भोज कराकर उन्हें वस्त्र और दक्षिणा प्रदान की जाएगी

वहीं, भगवान श्रीराम की विशेष पूजा आराधना के साथ जन्मोत्सव भी मनाया जा रहा है। शहर के हर गली-मोहल्लों में भगवा ध्वज के साथ तोरण-पताका सजाया गया है। देवालयों के साथ ही घर-घर में प्रभु श्रीराम की पूजा-अर्चना की जा रही है।

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बिलासपुर। चैत्र नवरात्र के महानवमी को आदिशक्ति देवी मां महामाया को रानीहार कंठ हार, मोहर हार, ढार, चंद्रहार समेत 9 प्रकार के हार, करधन, नथ धारण कराया गया। जहाँ राजश्री श्रृंगार के बाद मां महामाया की महाआरती हुई। गौरतलब है कि चैत्र नवरात्र की नवमी पर बुधवार को रतनपुर माँ महामाया मंदिर में माँ महामाया का राजश्री श्रृंगार किया गया। प्रातः आरती और राजश्री नैवेद्य चढ़ाने के बाद ट्रस्ट द्वारा कन्या और ब्राम्हण भोज का आयोजन किया जाएगा। राजश्री श्रृंगार के बाद मंदिर का पट खोला गया कन्या, ब्राम्हण भोज के बाद दोपहर पूजन सामग्री के साथ पुजारी सभी ज्योति कलश कक्ष में प्रज्जवलित मनोकामना ज्योति कलश की पूजा अर्चना कर मंत्रोच्चार के साथ ज्योति विसर्जित की जाएगी। नवरात्रि की नवमीं तिथि को सुबह 6 बजे राजश्री श्रृंगार के बाद मंदिर का पट खोला गया। मां महामाया देवी की श्रृंगार के बाद हुई महाआरती ट्रस्ट के ट्रस्टी सतीश शर्मा ने बताया कि माता को रानीहार, कंठ हार, मोहर हार, ढार, चंद्रहार, समेत 9 प्रकार के हार, करधन, नथ धारण कराया गया। राजश्री श्रृंगार के बाद मां महामाया की महाआरती हुआ । पूजा अर्चना के बाद मां को राजश्री नैवेद्य समर्पित किया गया। मंदिर के पुरोहितों समेत ब्राम्हणों को कराया गया भोज आज दोपहर मंदिर परिसर में कन्या भोज होगा। वही ब्राम्हण भोज का आयोजन में मंदिर के पुरोहितों समेत ब्राम्हणों को भोज कराया गया । कन्या और ब्राम्हण भोज के बाद ज्योति कलश रक्षकों को भोज कराकर उन्हें वस्त्र और दक्षिणा प्रदान की जाएगी वहीं, भगवान श्रीराम की विशेष पूजा आराधना के साथ जन्मोत्सव भी मनाया जा रहा है। शहर के हर गली-मोहल्लों में भगवा ध्वज के साथ तोरण-पताका सजाया गया है। देवालयों के साथ ही घर-घर में प्रभु श्रीराम की पूजा-अर्चना की जा रही है।