दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में अवैध घुसपैठियों के खिलाफ गठित एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने अपनी पहली कार्रवाई में बड़ी सफलता हासिल की है। टीम ने भिलाई के सुपेला इलाके से एक बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी पहचान के साथ पिछले दो साल से वहां रह रही थी।
पुलिस के मुताबिक, महिला की असली पहचान काकोली घोष है, लेकिन वह अंजली सिंह के नाम से फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के सहारे भारत में रह रही थी। एसएसपी विजय अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि महिला बीते आठ सालों से भारत में अवैध रूप से रह रही थी और इससे पहले दिल्ली में भी रह चुकी है। एसआईटी टीम ने महिला को गिरफ्तार करने के साथ-साथ मकान मालिक सूरज साव को भी हिरासत में लिया है, जिसने बिना पुलिस वेरिफिकेशन के उसे किराए पर मकान दिया था।
एसएसपी ने बताया, महिला का असली नाम पन्ना बीवी है और वह ग्राम दौलतपुर पोस्ट बड़ामतला जिला खुलना की रहने वाली है, महिला बांग्लादेश के पेट्रोपोल पोस्ट से भारत आई थी। पासपोर्ट अधिनियम, और विदेशी नागरिक अधिनियम और बीएएनएस के प्रतिरोपण की धाराओं के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
आपको बता दें कि, छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी /रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनके विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने एवं उन्हें वापस भेजे जाने की कार्यवाही के लिए दुर्ग जिले में विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया गया है. यह टीम लगातार दुर्ग में अवैध रूप रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर आगे की कार्रवाई कर रही. बुधवार को सुपेला नेहरू रोड में सूरज साव के मकानसे एक बांग्लादेश की महिला को गिरफ्तार किया गया।
जांच में सामने आया कि, बीवी लगभग 8 साल पहले बिना वैध पासपोर्ट और वीजा के बांग्लादेश से भारत में अवैध रूप से प्रवेश की थी। वह बोन्गांव पेट्रोपोल, उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल स्थित भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से भारत में आई। कोलकाता पहुँचकर उसने अपना नाम काकोली घोष बताया और सोनागाछी में लगभग 5 साल तक अवैध रूप से रही। इसके बाद वह दिल्ली गई और वहां लगभग 1 साल रही।
दिल्ली में रहने के दौरान उसकी भिलाई निवासी पूजा नामक लड़की से दोस्ती हुई, जिसके साथ वह भिलाई चली आई। भिलाई के सुपेला नेहरू रोड स्थित सूरज साव के मकान में वह खुद को काकोली घोष उर्फ अंजली सिंह, दिल्ली की निवासी बताकर किराए से रह रही थी।
भिलाई में रहने के दौरान पन्ना बीवी ने कई बार अपने मूल बांग्लादेश जाने और वापस आने की गतिविधि भी की। उसके मोबाइल फोन की जांच में पता चला कि वह बांग्लादेश में रहने वाले अपने पिता, भाई, बहन और अन्य रिश्तेदारों से लगातार संपर्क में थी।
पन्ना बीवी के खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम, विदेशी नागरिक अधिनियम तथा बीएएनएस के तहत कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में एसटीएफ प्रभारी नगर पुलिस अधीक्षक सत्य प्रकाश तिवारी, निरीक्षक विजय यादव (थाना प्रभारी सुपेला) और उनकी टीम के साथ-साथ एसटीएफ के सहायक उपनिरीक्षक रमेश सिन्हा, पंकज चतुर्वेदी और संतोष गुप्ता की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।