Monday, June 16, 2025
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BREAKING NEWS: हाईकोर्ट ने प्रदेश के नगरीय निकायों में वार्डों के परिसीमन पर लगाई रोक… 2011 की जनगणना को आधार मानने पर जताई आपत्ति…

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने प्रदेश के नगरीय निकायों में वार्डों के परिसीमन पर रोक लगा दी है। प्रदेश के निकायों के परिसीमन के बाद दावा आपत्ति मंगाने का काम किया जा रहा था। मगर कोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार को तगड़ा झटका लगा है। इस आदेश के बाद पूरी प्रक्रिया पर रोक लग गई है।

दरअसल राजनादगांव नगर निगम, कुम्हारी नगर पालिका व बेमेतरा नगर पंचायत में वार्डों के परिसीमन को चुनौती दी गई थी। तीनों याचिकाओं की प्रकृति समान थी, लिहाजा हाई कोर्ट ने तीनों याचिकाओं को एकसाथ मर्ज करते हुए साथ-साथ सुनवाई प्रारंभ की। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने प्रदेशभर के निकायों के वार्ड परिसीमन के लिए जो आदेश जारी किया है उसमें वर्ष 2011 के जनगणन को आधार माना है। इसी आधार पर परिसीमन का कार्य करने कहा गया है।

पूर्व में भी 2011 की जनगणना पर आधारित था परिसीमन

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं का कहना था कि वार्ड परिसीमन के लिए बनाए गए नियमों के अनुसार अंतिम जनगणना को आधार माना गया है। राज्य सरकार ने अपने सरकुलर में भी परिसीमन के लिए अंतिम जनगणना को आधार माना है। अधिवक्ताओं का कहना था कि राज्य सरकार ने इसके पहले वर्ष 2014 व 2019 में भी वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन का कार्य किया है। जब आधार एक ही है तो इस बार क्यों परिसीमन का कार्य किया जा रहा है।

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बिलासपुर। हाईकोर्ट ने प्रदेश के नगरीय निकायों में वार्डों के परिसीमन पर रोक लगा दी है। प्रदेश के निकायों के परिसीमन के बाद दावा आपत्ति मंगाने का काम किया जा रहा था। मगर कोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार को तगड़ा झटका लगा है। इस आदेश के बाद पूरी प्रक्रिया पर रोक लग गई है। दरअसल राजनादगांव नगर निगम, कुम्हारी नगर पालिका व बेमेतरा नगर पंचायत में वार्डों के परिसीमन को चुनौती दी गई थी। तीनों याचिकाओं की प्रकृति समान थी, लिहाजा हाई कोर्ट ने तीनों याचिकाओं को एकसाथ मर्ज करते हुए साथ-साथ सुनवाई प्रारंभ की। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने प्रदेशभर के निकायों के वार्ड परिसीमन के लिए जो आदेश जारी किया है उसमें वर्ष 2011 के जनगणन को आधार माना है। इसी आधार पर परिसीमन का कार्य करने कहा गया है। पूर्व में भी 2011 की जनगणना पर आधारित था परिसीमन याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं का कहना था कि वार्ड परिसीमन के लिए बनाए गए नियमों के अनुसार अंतिम जनगणना को आधार माना गया है। राज्य सरकार ने अपने सरकुलर में भी परिसीमन के लिए अंतिम जनगणना को आधार माना है। अधिवक्ताओं का कहना था कि राज्य सरकार ने इसके पहले वर्ष 2014 व 2019 में भी वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन का कार्य किया है। जब आधार एक ही है तो इस बार क्यों परिसीमन का कार्य किया जा रहा है।