Monday, June 16, 2025
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छत्तीसगढ़ में नकली सोने का खेल: महिला ठग गिरोह ने तीन शहरों में ज्वेलर्स को बनाया निशाना, दादाजी’ कहकर किया सोने का सौदा”, 5 गिरफ्तार…

 

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के तीन प्रमुख शहरों रायपुर, बिलासपुर और राजनांदगांव — में ज्वेलर्स को निशाना बनाने वाले एक शातिर महिला ठग गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने इस गिरोह की तीन महिला सदस्यों समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन आरोपी उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं।

गिरोह की पहली वारदात 28 अप्रैल को बिलासपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र के गोलबाजार स्थित हिम्मत लाल ज्वेलर्स में हुई। यहां महिलाओं ने नकली सोने के जेवरात देकर बदले में 42.3 ग्राम असली सोना और 13,572 रुपये नकद ठग लिए। इस सोने की बाजार कीमत करीब 4.55 लाख रुपये आंकी गई है।

वारदात के बाद गिरोह ने उसी दिन रायपुर के उरला इलाके की ओर रुख किया, जहां इन्होंने बुजुर्ग ज्वेलर्स को “दादाजी” कहकर भावनात्मक रूप से भ्रमित करने की कोशिश की। इनका तरीका इतना चतुर था कि पहली नजर में धोखाधड़ी का आभास भी नहीं हुआ। पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए जांच में तेजी लाई और जल्द ही पूरे गिरोह को गिरफ्तार कर लिया।

उरला पुलिस ने बताया कि, उरला मेन रोड में शांतिलाल जैन नाम के बुजुर्ग ज्वेलरी दुकान चलाते हैं। शाम करीब 5:30 बजे उनके दुकान पर दो महिलाएं आई। अपने साथ सोने के नेकलेस चेन और पुरानी ज्वेलरी लेकर आई थी। महिलाएं जो ज्वेलरी लेकर आई थी उसका वजन करीब 70 ग्राम था। उन्होंने शांतिलाल को कहा कि इसे एक्सचेंज करवाकर वह नई ज्वेलरी लेना चाहती हैं। शंकर लाल और उसके स्टाफ ने उन्हें गोल्ड ज्वेलरी दिखाया।

महिलाओं में सोने का एक हार, एक चेन, दो मंगलसूत्र, तीन जोडी आईरिंग, कुल वजन करीब 47 ग्राम पसंद किया। इसकी कीमत करीब साढ़े 4 लाख रुपए थी। इसके अलावा उन्होंने ज्वेलर्स से वजन के अंतर का करीब 80 हजार रुपए कैश भी ले लिए। इस सौदे के दौरान महिलाओं ने शांतिलाल को दादाजी कहकर संबोधित किया। जिससे उन्हें इमोशनल कर सके। फिर उन्होंने अपनी एक चांदी की पायल भी दुकान पर छोड़ दी और कहा कि इसे कल तौलवाकर बेच देंगे। फिर महिलाओं ने अपना मोबाइल नंबर भी दिया। जो फर्जी था। फिर दोनों महिलाएं दुकान से निकल गई।

महिलाओं के जाने के बाद जब शांतिलाल ने केमिकल जांच कराई तो सच्चाई सामने आई—ज्वेलरी लगभग पूरी तरह नकली थी और उसमें सिर्फ 2% ही असली सोना था। ठगी का एहसास होते ही उन्होंने आसपास महिलाओं की तलाश की, लेकिन वे फरार हो चुकी थीं। इसके बाद मामला थाने तक पहुंचा और पुलिस को सूचित किया गया।

ठगी की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी राजनांदगांव की ओर फरार हो रहे थे, लेकिन पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए उन्हें वहां दबोच लिया। कारधा और सकोली पुलिस (जिला भंडारा, महाराष्ट्र) की मदद से इलाके में घेराबंदी की गई, जिसके बाद आरोपी पकड़ में आ गए। पूछताछ में उन्होंने रायपुर, बिलासपुर और राजनांदगांव में चोरी की वारदातों को अंजाम देने की बात कबूली है। पुलिस अब गिरोह के बाकी सदस्यों की पहचान और लोकेशन का भी पता लगाने में जुटी है।

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  बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के तीन प्रमुख शहरों रायपुर, बिलासपुर और राजनांदगांव — में ज्वेलर्स को निशाना बनाने वाले एक शातिर महिला ठग गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने इस गिरोह की तीन महिला सदस्यों समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन आरोपी उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं। गिरोह की पहली वारदात 28 अप्रैल को बिलासपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र के गोलबाजार स्थित हिम्मत लाल ज्वेलर्स में हुई। यहां महिलाओं ने नकली सोने के जेवरात देकर बदले में 42.3 ग्राम असली सोना और 13,572 रुपये नकद ठग लिए। इस सोने की बाजार कीमत करीब 4.55 लाख रुपये आंकी गई है। वारदात के बाद गिरोह ने उसी दिन रायपुर के उरला इलाके की ओर रुख किया, जहां इन्होंने बुजुर्ग ज्वेलर्स को "दादाजी" कहकर भावनात्मक रूप से भ्रमित करने की कोशिश की। इनका तरीका इतना चतुर था कि पहली नजर में धोखाधड़ी का आभास भी नहीं हुआ। पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए जांच में तेजी लाई और जल्द ही पूरे गिरोह को गिरफ्तार कर लिया। उरला पुलिस ने बताया कि, उरला मेन रोड में शांतिलाल जैन नाम के बुजुर्ग ज्वेलरी दुकान चलाते हैं। शाम करीब 5:30 बजे उनके दुकान पर दो महिलाएं आई। अपने साथ सोने के नेकलेस चेन और पुरानी ज्वेलरी लेकर आई थी। महिलाएं जो ज्वेलरी लेकर आई थी उसका वजन करीब 70 ग्राम था। उन्होंने शांतिलाल को कहा कि इसे एक्सचेंज करवाकर वह नई ज्वेलरी लेना चाहती हैं। शंकर लाल और उसके स्टाफ ने उन्हें गोल्ड ज्वेलरी दिखाया। महिलाओं में सोने का एक हार, एक चेन, दो मंगलसूत्र, तीन जोडी आईरिंग, कुल वजन करीब 47 ग्राम पसंद किया। इसकी कीमत करीब साढ़े 4 लाख रुपए थी। इसके अलावा उन्होंने ज्वेलर्स से वजन के अंतर का करीब 80 हजार रुपए कैश भी ले लिए। इस सौदे के दौरान महिलाओं ने शांतिलाल को दादाजी कहकर संबोधित किया। जिससे उन्हें इमोशनल कर सके। फिर उन्होंने अपनी एक चांदी की पायल भी दुकान पर छोड़ दी और कहा कि इसे कल तौलवाकर बेच देंगे। फिर महिलाओं ने अपना मोबाइल नंबर भी दिया। जो फर्जी था। फिर दोनों महिलाएं दुकान से निकल गई। महिलाओं के जाने के बाद जब शांतिलाल ने केमिकल जांच कराई तो सच्चाई सामने आई—ज्वेलरी लगभग पूरी तरह नकली थी और उसमें सिर्फ 2% ही असली सोना था। ठगी का एहसास होते ही उन्होंने आसपास महिलाओं की तलाश की, लेकिन वे फरार हो चुकी थीं। इसके बाद मामला थाने तक पहुंचा और पुलिस को सूचित किया गया। ठगी की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी राजनांदगांव की ओर फरार हो रहे थे, लेकिन पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए उन्हें वहां दबोच लिया। कारधा और सकोली पुलिस (जिला भंडारा, महाराष्ट्र) की मदद से इलाके में घेराबंदी की गई, जिसके बाद आरोपी पकड़ में आ गए। पूछताछ में उन्होंने रायपुर, बिलासपुर और राजनांदगांव में चोरी की वारदातों को अंजाम देने की बात कबूली है। पुलिस अब गिरोह के बाकी सदस्यों की पहचान और लोकेशन का भी पता लगाने में जुटी है।