बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर सेंट्रल जेल में गैंगवार का मामला सामने आया है। यहां होली पर्व से पहले एक ही समुदाय के दो गुटों में जमकर मारपीट हो गई। इस दौरान बंदियों ने चम्मच व छड़ को हथियारों के रूप उपयोग किया और एक-दूसरे पर वार किया। इस घटना में कई कैदी घायल भी हुए, जिनका जेल अस्पताल में इलाज कराया गया। पूरी घटना की जांच के बाद पुलिस ने अब दोनों पक्षों पर जानलेवा हमला व बलवा का केस दर्ज किया है।
सेंट्रल जेल में समुदाय विशेष के अपराधियों के बीच अलग-अलग गुट है, जिनके बीच वर्चस्व को लेकर पुरानी लड़ाई चल रही है। इन अपराधियों में रायपुर, कवर्धा और कोरबा के बदमाश शामिल हैं। इनमें बिलासपुर का गुट अलग है। होली पर्व के पहले बीते 22 मार्च की शाम वर्चस्व को लेकर उनके बीच विवाद हो गया। इस दौरान दो पक्षों में जमकर मारपीट हो गई। इस हमले में आधा दर्जन बंदी घायल हो गए।
छड़ और चम्मच को घिसकर बनाया हथियार
दरअसल, सेंट्रल जेल में रंगदारी चलती है, जिसके चलते बदमाश बंदियों ने अपना गुट बना लिया है। यहां जेल में सुविधाओं को लेकर बंदी आपस में झगड़ा करते हैं। बद अपराधी जेल के भीतर चम्मच व छड़ को घिसकर हथियार बनाकर छिपाकर रखते हैं। 22 मार्च को विवाद के दौरान मौसीन खान उर्फ चूहा, आसिफ खान, रफीक खान, इंदीत खान, अब्दुल अयाज खान,अब्दुल मेहताब खान ने मिलकर अल्ताफ खान, फिरोज खान, जलील खान, कमर अली खान पर हमला कर दिया और जमकर हथियार भी चलाए। दूसरे पक्ष के लोगों ने भी जमकर मारपीट की। इस हमले में घायलों का जेल अस्पताल में इलाज कराया गया।
जेल अधीक्षक ने छीपाई घटना
जिस दिन जेल में गैंगवार हुआ, उस दिन कैदियों के घायल होने की खबर आई थी। लेकिन, जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी ने सामान्य विवाद बताकर मामले को दबाने का प्रयास किया। उन्होंने इस घटना में किसी के घायल होने से भी इंकार कर दिया था। जब मामला पुलिस तक पहुंचा और जांच कराई गई, तब गैंगवार और हमले होने की बात सामने आई।
दोनों पक्षों पर बलवा और जानलेवा हमला का दर्ज केस
पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर सिविल लाईन पुलिस की टीम मामले की जांच करने जेल पहुंची। इस दौरान जेल अधीक्षक खोमेश मांडवी से प्रतिवेदन लेकर कैदियों से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया गया। पुलिस ने जांच के बाद 11 बंदियों के खिलाफ केस दर्ज की है। दोनों पक्षों पर बलवा और जानलेवा हमला करने का अपराध दर्ज किया है।