जांजगीर- चांपा। छत्तीसगढ़, जांजगीर चांपा जिले में खनिज विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की करतूत सामने आई है। जहां जिला कलेक्टर के आदेशों की परवाह किए बिना विभाग के अधिकारी कर्मचारी पिकनिक मनाते नजर आ रहे हैं।
जिले के देवरी नदी में लगातार अवैध रेत के उत्खनन के मामले प्रकाश में आते रहे हैं, बावजूद इसके खनिज विभाग के अधिकारी अवैध तस्करों को मानो छूट दिए हुए हों, जिसके कारण जिले में अवैध रेत तस्करों की सक्रियता बढ़ती नजर आ रही है ।
कलेक्टर जांजगीर के द्वारा आदेश जारी कर अधिकारी कर्मचारियों को ये निर्देश दिए गए हैं की विधानसभा सत्र से पहले कोई भी अधिकारी कर्मचारी अवकाश पर नही जायेगा।
विधानसभा सत्र की वजह से अधिकारी कर्मचारियों को जिला मुख्यालय में ही रहने के आदेश है। यहां तक अवकाश के दिन भी सभी को कार्यलय में रहने के निर्देश दिए गए है. लेकिन कलेक्टर के जारी आदेश का किस तरह से मजाक उड़ाया जा रहा है. उसका प्रमाण सामने आए इस वीडियो फोटो से लगाया जा सकता है।
जिसमे खनिज विभाग के अधिकारी देवरी नदी में पिकनिक मनाने पहुंचे हुए है। सबसे खास बात ये कि जिस जगह पर अधिकारी नदी में नहाने और पिकनिक मनाने का आनंद लेने पहुंचे है उससे कुछ दूरी पर अवैध रेत का उत्खनन हो रहा है… और परिवहन भी बेरोकटोक जारी है। ऐसा लगता है कि खनिज विभाग ने अवैध रेत उत्खनन और परिवहन पर अपनी आंखे बन्द कर ली है। या यूं कहे कि रेत तस्करो को कह दिया गया है कि जितना नदी का सीना चीरकर रेत निकलना है निकालो देखते है कौन रोकता है।
तभी तो कुछ दूरी पर अवैध रेत उत्खनन और कुछ दूरी पर पिकनिक की मौज मस्ती चल रही है।
विभाग की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। जिस तरह से सरकार परिवर्तन के बाद अवैध उत्खनन और बिना अनुमति के संचालित हो रहे क्रेशरो को सील किया गया वे इतने सालो तक आखिर किस के संरक्षण में संचालित हो रहे थे .? और करोड़ों रु के राजस्व का पैसा की भरपाई किससे की जायेगी…? और सबसे बड़ा सवाल है कि अवैध क्रेशर को संचालित करने वाले असली दोषी कौन है अधिकारी या क्रेशर मालिक ..?