बिलासपुर। बिलासपुर जिले में एक बार फिर शनिवार की सुबह नगर निगम के द्वारा अतिक्रमण की कार्यवाही की गई है। जहां 100 साल पुराना ज्वाली पुल रोड में अवैध रूप से दुकानों और गोदामों को जेसीबी से ध्वस्त किया गया है। नगर निगम के कुछ दिनों पहले ही सीमांकन के बाद नोटिस जारी की थी। लेकिन उसके बाद भी संचालकों के द्वारा निर्माण किया जा रहा था। वहीं कार्यवाही के बीच जारी कुछ दुकानों को भी तोड़ा गया जो तय अनुमति से अधिक हिस्से को कब्जा कर लिया था। नगर निगम इस सख्त कार्यवाही से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा गया है।
वहीं कुछ रसूखदारों ने निगम कि कार्रवाई का तोड़ निकाल लिया है। कुछ लोगों का कहना है कि निगम के अधिकारियों को अपनी जेब गरम कर अपने स्वार्थ को पूरा करते हुए नियम को ताक में रख कर ऐसे अतिक्रमण कारियो ऊपर कार्रवाई नकार इनको बचाने में का नोटिस का हवाला देते हैं। हालांकि नगर निगम के आला अधिकारी जैसे कमिश्नर और दूसरी जिम्मेदार अधिकारी ऐसा नहीं मानते हैं। नगर निगम में घूसखोरी और कार्रवाई के जद से लोगों को बाहर रखने के लिए कई तरह के उपाय मौजूद हैं। यही कारण है कि यहां के व्यापारी इस तरह के कार्रवाई को इतनी गंभीरता से नहीं लेते। यह अलग बात है कि, इस तरह के कार्रवाई का अक्सर शिकार ऐसे लोग होते हैं जो छोटे व्यापारी होते हैं और अपने रोजी-रोटी के लिए थोड़ा बहुत अतिक्रमण करते हैं।
निगम के अधिकारी खानापूर्ति कर रहे हैं?
इस पूरे मामले में नगर निगम के अधिकारी और अपरायुक्त खजांची कुमार ने बताया कि इस विषय को लेकर लगातार नोटिस दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है जवाली नल के इर्द-गिर्द बनाए गए अवैध बिल्डिंग या ऐसे बिल्डिंग जिनकी अनुमति नहीं है उन्हें चिन्हित कर लिया गया है और नोटिस दी जा चुकी है ऐसी स्थिति में आने वाले 15 से 20 दिनों में नए सिरे से नोटिस दिए जाने की तैयारी है साथ ही बगैर अनुमति के बनाई गई बिल्डिंग को जल्दी तोड़ दिया जाएगा।
अधिकारियों के द्वारा रटा रुटाया जवाब दिया जाता है। जो कि आम जनता को परेशान करने वाला है। जिन बिल्डिंगों पर कार्रवाई की जानी है। उन्हें चिन्ह की तो कर लिया गया है। लेकिन रसूखदार और बड़े नेताओं के प्रभाव की वजह से ऐसे बिल्डिंगों को तोड़ा नहीं जाता। अल्बता नगर निगम के बुलडोजर केवल ऐसे निर्माण पर चलती है जो गरीबों का होता है या तो फिर जिनकी पहुंच नहीं होती है, छोटे व्यापारी और मकान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने में नगर निगम के बुलडोजर में बड़ी तेजी नजर आती है। जबकि भू माफिया और रसूखदारों के निर्माणाधीन बिल्डिंग तक नगर निगम के अधिकारी पहुंच ही नहीं पाते।