Thursday, May 1, 2025
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बिना अनुमति लिए सीधे मंत्री से मिलने पहुंच गया पटवारी…मंत्री नाराज…कलेक्टर ने थमाया नोटिस…

बिलासपुर।  बिलासपुर जिले के एक पटवारी राजस्व मंत्री  टंकराम वर्मा से मिलने रायपुर स्थित उनके बंगले पहुंच गया। सक्षम अधिकारी से अनुमति लिए बगैर मुलाकात के लिए सीधे मंत्री के सामने पहुंच गए। मंत्री वर्मा ने इस पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कलेक्टर बिलासपुर को अनुशासनात्मक कारवाई के निर्देश दिए। कलेक्टर ने संबंधित पटवारी को शो कॉज नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे में जवाब तलब किया है। मामला मोपका से स्थानांतरित किए गए पटवारी आलोक तिवारी का है।

गौरतलब है कि जिला कार्यालय द्वारा गत 29 फरवरी को पटवारी आलोक तिवारी का तबादला बेलगहना तहसील के हल्का बहेरामुडा किया गया। उसी दिन उन्हें बहेरामुड़ा में ज्वाइनिंग देने के लिए भारमुक्त भी कर दिया गया। भारमुक्ति उपरांत तिवारी अपने नवीन पदस्थापना स्थल पर न जाकर सीधे राजस्व मंत्री वर्मा से मिलने रायपुर पहुंच गए। अपना तबादला मोपका से बाहर नहीं करने की गुहार लगाई। लेकिन उन्होंने मंत्री से मिलने के लिए किसी सक्षम प्राधिकारी से अनुमति नहीं ली थी।

मंत्री ने पटवारी के इस हरकत पर गहरी नाराजगी जताई। सिविल सेवा आचरण नियमों के विपरीत बताया और कलेक्टर को कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के तहत पटवारी आलोक तिवारी को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब तलब किया है। निर्धारित समय में जवाब नहीं मिलने पर एकपक्षीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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बिलासपुर।  बिलासपुर जिले के एक पटवारी राजस्व मंत्री  टंकराम वर्मा से मिलने रायपुर स्थित उनके बंगले पहुंच गया। सक्षम अधिकारी से अनुमति लिए बगैर मुलाकात के लिए सीधे मंत्री के सामने पहुंच गए। मंत्री वर्मा ने इस पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कलेक्टर बिलासपुर को अनुशासनात्मक कारवाई के निर्देश दिए। कलेक्टर ने संबंधित पटवारी को शो कॉज नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे में जवाब तलब किया है। मामला मोपका से स्थानांतरित किए गए पटवारी आलोक तिवारी का है। गौरतलब है कि जिला कार्यालय द्वारा गत 29 फरवरी को पटवारी आलोक तिवारी का तबादला बेलगहना तहसील के हल्का बहेरामुडा किया गया। उसी दिन उन्हें बहेरामुड़ा में ज्वाइनिंग देने के लिए भारमुक्त भी कर दिया गया। भारमुक्ति उपरांत तिवारी अपने नवीन पदस्थापना स्थल पर न जाकर सीधे राजस्व मंत्री वर्मा से मिलने रायपुर पहुंच गए। अपना तबादला मोपका से बाहर नहीं करने की गुहार लगाई। लेकिन उन्होंने मंत्री से मिलने के लिए किसी सक्षम प्राधिकारी से अनुमति नहीं ली थी। मंत्री ने पटवारी के इस हरकत पर गहरी नाराजगी जताई। सिविल सेवा आचरण नियमों के विपरीत बताया और कलेक्टर को कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के तहत पटवारी आलोक तिवारी को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब तलब किया है। निर्धारित समय में जवाब नहीं मिलने पर एकपक्षीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।