Monday, June 16, 2025
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नसबंदी के बाद बिगड़ी महिला की हालत, गलत इलाज के आरोप में स्वास्थ्य विभाग से शिकायत, 15 दिन पहले हुई सर्जरी, चार लाख का हुआ खर्च…

कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के करतला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। नसबंदी ऑपरेशन के बाद 25 वर्षीय महिला सुनीता बाई की तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई, जिससे परिजनों की चिंता बढ़ गई। यह घटना राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े करती है।

जानकारी के अनुसार, पीड़िता सुनीता बाई रायगढ़ जिले के गेरसा गांव की रहने वाली है। करीब 15 दिन पहले उन्होंने करतला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी सर्जरी करवाई थी। शुरुआत में सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन दो दिन बाद उनकी हालत अचानक बिगड़ने लगी। पेट में तेज दर्द और सूजन शुरू हो गई। पीड़िता के पति घासीदास महंत ने बताया कि शुरुआत में जब वह पत्नी को लेकर करतला उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, तो वहां केवल दवाइयां दी गईं, पर कोई विशेष इलाज नहीं हुआ। स्थिति में सुधार न होने पर वे पत्नी को कोरबा के एक निजी अस्पताल ले गए।

निजी अस्पताल में इलाज के दौरान पता चला कि सर्जरी के स्थान पर टांका फट चुका है, जिससे पेट में गंभीर संक्रमण फैल गया। डॉक्टरों ने बताया कि संक्रमण बाहर तक आ चुका है और स्थिति गंभीर हो सकती है। इस मुश्किल समय में घासीदास ने अपनी बाइक और घर के गहने गिरवी रखकर अब तक लगभग 4 लाख रुपये इलाज में खर्च किए हैं। वर्तमान में सुनीता को जिला मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

पीड़िता का pati
                    पीड़िता का पति

पीड़िता के पति घासीदास महंत जो पेशे से मजदूर हैं और रोज कमाकर अपने तीन छोटे बच्चों का पालन-पोषण करते हैं, इस परिस्थिति से बेहद परेशान हैं। उन्होंने बताया कि यह सब अस्पताल की लापरवाही और गलत इलाज का नतीजा है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से लिखित में शिकायत की है और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

स्वास्थ्य विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही जांच पूरी की जाएगी और दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना न केवल एक परिवार की पीड़ा है, बल्कि यह प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की स्थिति पर भी सवाल उठाती है। खासकर ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और जवाबदेही पर अब पुनः विचार करने की आवश्यकता है।

पीड़ित परिवार को न्याय और सहायता मिल सके, इसके लिए कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन से मदद की अपील की है। फिलहाल, सबकी निगाहें स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट और आगे की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।

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कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के करतला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। नसबंदी ऑपरेशन के बाद 25 वर्षीय महिला सुनीता बाई की तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई, जिससे परिजनों की चिंता बढ़ गई। यह घटना राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े करती है। जानकारी के अनुसार, पीड़िता सुनीता बाई रायगढ़ जिले के गेरसा गांव की रहने वाली है। करीब 15 दिन पहले उन्होंने करतला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी सर्जरी करवाई थी। शुरुआत में सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन दो दिन बाद उनकी हालत अचानक बिगड़ने लगी। पेट में तेज दर्द और सूजन शुरू हो गई। पीड़िता के पति घासीदास महंत ने बताया कि शुरुआत में जब वह पत्नी को लेकर करतला उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, तो वहां केवल दवाइयां दी गईं, पर कोई विशेष इलाज नहीं हुआ। स्थिति में सुधार न होने पर वे पत्नी को कोरबा के एक निजी अस्पताल ले गए। निजी अस्पताल में इलाज के दौरान पता चला कि सर्जरी के स्थान पर टांका फट चुका है, जिससे पेट में गंभीर संक्रमण फैल गया। डॉक्टरों ने बताया कि संक्रमण बाहर तक आ चुका है और स्थिति गंभीर हो सकती है। इस मुश्किल समय में घासीदास ने अपनी बाइक और घर के गहने गिरवी रखकर अब तक लगभग 4 लाख रुपये इलाज में खर्च किए हैं। वर्तमान में सुनीता को जिला मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
पीड़िता का pati
                    पीड़िता का पति
पीड़िता के पति घासीदास महंत जो पेशे से मजदूर हैं और रोज कमाकर अपने तीन छोटे बच्चों का पालन-पोषण करते हैं, इस परिस्थिति से बेहद परेशान हैं। उन्होंने बताया कि यह सब अस्पताल की लापरवाही और गलत इलाज का नतीजा है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से लिखित में शिकायत की है और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। स्वास्थ्य विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही जांच पूरी की जाएगी और दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यह घटना न केवल एक परिवार की पीड़ा है, बल्कि यह प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की स्थिति पर भी सवाल उठाती है। खासकर ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और जवाबदेही पर अब पुनः विचार करने की आवश्यकता है। पीड़ित परिवार को न्याय और सहायता मिल सके, इसके लिए कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन से मदद की अपील की है। फिलहाल, सबकी निगाहें स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट और आगे की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।