बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन का वीडियो सामने आया है। जहां पिछले 20 सालो में सरकार बदल गई जनप्रतिनिधि बदल गए। लेकिन उसके बाद भी प्रधानमंत्री सड़क योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही है। जिसके कारण विरोध स्वरूप मस्तूरी के मानिकपुर-धुमा गांव के ग्रामीणों ने सड़क की खराब स्थिति को लेकर एक अनोखा प्रदर्शन किए।
ग्रामीणों ने खेतों की तरह हल चलाकर सड़क पर डाला धान का रोपा
वहीं पिछले 20 वर्षों से सड़क निर्माण की मांग को लेकर सरकारी दफ्तरों और जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट रहे ग्रामीणों ने खेतों की तरह सड़क पर धान रोपा डाला। यह विरोध प्रदर्शन, जो कि 2004 में PMGSY के तहत बनाई गई। डामरीकरण सड़क की खराब स्थिति के खिलाफ था। दर्शाता है कि इन सालों में ग्रामीणों का संपर्क बारिश के दौरान पूरी तरह से टूट जाता है।ग्रामीणों को आवागमन में भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है बावजूद इसके हालत जस के तहत बने हुए है।
सरकार और कलेक्टर के दावे की हकीकत दिखाने, ग्रामीणों ने किया अनोखा प्रदर्शन
सरकार के विकास और कलेक्टर के दावे की हकीकत दिखाने के लिए ग्रामीणों ने यह अनोखा प्रदर्शन किया ताकि प्रशासनिक अधिकारियों की उदानसीनता का आइना सरकार को दिखाया जा सके। और बदहाल सड़को से ग्रामीणों को मुक्ति मिल सके।
खराब सड़कों के कारण स्कूली बच्चे और बुजुर्ग हो रहे हादसों का शिकार
ग्रामीणों का कहना है कि खराब सड़को के कारण स्कूली बच्चे और बुजुर्ग अक्सर हादसों का शिकार होते हैं। सरकारें बदलती रही हैं लेकिन सड़क की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। अधिकारी और नेता मौन हैं, जबकि कुछ अधिकारी नजदीक की आरामगाहों में व्यस्त हैं। ग्रामीणों की पीड़ा ने डबल इंजन वाली बीजेपी सरकार की आलोचना को और तेज कर दिया है।
बेहतर सड़क के लिए कई वर्षों से जारी है प्रदर्शन
वहीं ग्रामीणों के विरोध अब परंपरा सा बन चुका है। शायद यह ही वजह है। कई वर्षो से बेहतर सड़क की मांग करने वाले ग्रामीणों की लगातार प्रदर्शन कर रहे है। लेकिन अभी तक कोई सुध नहीं ले रहा है। और अधिकारियों की लापरवाही के चलते प्रदेश की सरकार बदनाम हो रही है।