सरगुजा। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में बकरी चोरी करने आए चोरों को भारी कीमत चुकानी पड़ी। दरअसल, चोर करीब 15 हजार रुपये की बकरी चोरी कर फरार हो रहे थे, लेकिन मोहनपुर गांव के सतर्क ग्रामीणों ने उन्हें रास्ते में रोक लिया। खुद को फंसता देख चोर अपनी करीब 9 लाख की लग्जरी अर्टिगा कार वहीं छोड़कर भाग खड़े हुए। ग्रामीणों का गुस्सा इस कदर भड़का कि उन्होंने कार में तोड़फोड़ कर उसे आग के हवाले कर दिया। यह घटना दरिमा थाना क्षेत्र की है, जहां अब पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
जानकारी के मुताबिक, 7 मई की सुबह मारुती अर्टिगा कार क्रमांक CG 13 AL 3460 में सवार 4 युवक करदना पहुंचे, जहां एक ग्रामीण के घर के सामने से बकरे को उठाया और कार में डालकर भागने लगे। उन्हें बकरी चोरी कर अंबिकापुर की ओर भागता हुआ देखकर ग्रामीणों ने मोहनपुर के परिचित ग्रामीणों को सूचना दे दी।
सूचना मिलने पर मोहनपुर के ग्रामीणों ने घेराबंदी कर कार को रोक लिया। डंडों से लैस ग्रामीणों को देख युवक कार और बकरी को छोड़कर भाग निकले। ग्रामीणों ने अर्टिगा कार से बकरे को बरामद कर लिया। उसके बाद कार के शीशे फोड़ दिए, फिर उसमें आग लगा दी।
देखते ही देखते अर्टिगा कार आग से घिर गई और पूरी तरह से जलकर खाक हो गई। मामले की सूचना दरिमा थाने में नहीं दी गई है। बकरे को उसके मालिक के हवाले कर दिया गया है। बकरे की कीमत ग्रामीणों ने 15 हजार रुपए से अधिक बताई है।
बता दें कि, बकरी चोरी की एक वारदात ने एक निर्दोष परिवार को बड़ा आर्थिक झटका दे दिया। दरअसल, रायगढ़ पासिंग वाली अर्टिगा कार (क्रमांक CG 13 AL 3460), जो करीब दो महीने पहले सीतापुर थाना क्षेत्र के मंगारी निवासी राम सिंह ने 9 लाख रुपये में खरीदी थी, भीड़ के गुस्से का शिकार हो गई।
राम सिंह के परिजनों के मुताबिक, कुछ युवकों ने यह कार किराए पर ली थी। ड्राइवर ना होने पर उन्होंने खुद कार चलाने की बात कही और मैनपाट जाने का हवाला देकर कार ले गए। इसके बाद की घटना से परिवार पूरी तरह अनजान था। ग्रामीणों ने जब युवकों को बकरी चोरी करते पकड़ा, तो वे कार वहीं छोड़कर फरार हो गए। गुस्साए ग्रामीणों ने कार को पहले क्षतिग्रस्त किया और फिर उसमें आग लगा दी।
राम सिंह ने कार खरीदने के लिए 2.50 लाख रुपये डाउन पेमेंट किया था और बाकी 6.50 लाख का लोन लिया था। कार के जलने की खबर से उनका परिवार सदमे में है, क्योंकि यह उनके लिए सिर्फ एक गाड़ी नहीं, बल्कि एक बड़ी पूंजी थी।