Monday, June 16, 2025
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मासूमों के मौत के बाद शासन का बड़ा एक्शन… राज्य स्तरीय जांच टीम गठित… टीम पहुंची कोटा… जांच में खुलेगा घटना का राज…

बिलासपुर। बिलासपुर जिले के कोटा में दो मासूमों के मौत के मामले में शासन स्तर पर जांच शुरू हो गई है। शासन ने मामले के जांच के लिए राज्य स्तरीय पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है। गठन के साथ ही टीम ने जांच शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में जांच टीम आज बिलासपुर पहुंची। यहां जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों से प्राइमरी जानकारी लेकर टीम ने प्रकरण से जुड़े हर पहलुओं पर जांच शुरू कर दिया है। टीम प्रभावित क्षेत्र के साथ पीड़ित परिजनों से भी बात करेगी।

इसके साथ ही उपयोग किए गए वैक्सीन और उपचार की भी जानकारी लेगी। जांच टीम में उप संचालक राज्य टीकाकरण अधिकारी, संयुक्त संचालक बिलासपुर,शिशु रोग विशेषज्ञ और डब्ल्यूएचओ के अधिकारी शामिल हैं। टीम को लीड कर रहे उप संचालक, राज्य टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि, सभी के जांच रिपोर्ट को समायोजित कर फाइनल जांच रिपोर्ट प्रतिवेदन शासन को सौंपा जाएगा। नेशनल AEFI (एडवर्स इवेंट फॉलोविंग इमूनाइजेश) के आधार पर पूरी जांच प्रक्रिया होगी।

जानिए क्या है पूरा मामला – 

बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड के कोरीपारा में आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा था। टीकाकरण 30 अगस्त को दोपहर 12 बजे किया गया और दो दिन के नवजात शिशु की मौत उसी दिन रात 7.30 बजे हो गई।

वहीं दो महीने के सारांश को भी इस बच्चे के साथ टीका लगा था, उसकी मौत 30 घंटे के बाद 31 अगस्त रात 8 बजे हुई। बाकी 5 बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया। यहां उनका इलाज जारी है। इसके बाद रविवार को सिंहदेव के साथ पूर्व विधायक शैलेश पांडेय, कांग्रेस नेता पंकज सिंह ने प्रभावित परिवारों से अस्पताल में मुलाकात की।

पूर्व उप मुख्यमंत्री सिंहदेव बोले- सरकार कुछ छिपा रही

टीएस सिंहदेव ने कहा कि अगर टीके, दवाइयां अमानक थी तो उसका स्टॉक तत्काल रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि, नसबंदी, गर्भाशय कांड, आंखफोड़वा वाली बीजेपी सरकार में कुछ भी हो सकता है। सिंहदेव ने मृतक बच्चों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। वहीं अस्पताल में भर्ती बाकी बच्चों के बेहतर इलाज के लिए भी डॉक्टर से बात की।

उन्होंने कई सवाल भी उठाए

• टीके क्या अमानक तो नहीं थे?

• आखिर मृत बच्चों का पोस्टमॉर्टम क्यों नहीं करवाया गया?

• क्या सरकार का दायित्व नहीं था कि वह सारे मामले की जांच कराती ?

• क्या सरकार इस संवेदनशील मामले में कुछ छुपा रही है?

सभी बिंदुओं में होगी जांच

टिकाकरण अधिकारी ने कहा कि, कोटा क्षेत्र मासूम बच्चों की मौत हुई है। जिसको लेकर आज राज्य स्तरीय टीम बिलासपुर पहुंची है। और जो घटना हुई है। उसमे सभी प्रकरण में जांच की जाएगी। जांच के बाद शासन के रिपोर्ट भेजी जाएगी। अधिकारी ने कहा, यदि पोस्टमार्टम होता तो बहुत ही आसानी से सभी प्रकरण का पता चल जाता।

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बिलासपुर। बिलासपुर जिले के कोटा में दो मासूमों के मौत के मामले में शासन स्तर पर जांच शुरू हो गई है। शासन ने मामले के जांच के लिए राज्य स्तरीय पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है। गठन के साथ ही टीम ने जांच शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में जांच टीम आज बिलासपुर पहुंची। यहां जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों से प्राइमरी जानकारी लेकर टीम ने प्रकरण से जुड़े हर पहलुओं पर जांच शुरू कर दिया है। टीम प्रभावित क्षेत्र के साथ पीड़ित परिजनों से भी बात करेगी। इसके साथ ही उपयोग किए गए वैक्सीन और उपचार की भी जानकारी लेगी। जांच टीम में उप संचालक राज्य टीकाकरण अधिकारी, संयुक्त संचालक बिलासपुर,शिशु रोग विशेषज्ञ और डब्ल्यूएचओ के अधिकारी शामिल हैं। टीम को लीड कर रहे उप संचालक, राज्य टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि, सभी के जांच रिपोर्ट को समायोजित कर फाइनल जांच रिपोर्ट प्रतिवेदन शासन को सौंपा जाएगा। नेशनल AEFI (एडवर्स इवेंट फॉलोविंग इमूनाइजेश) के आधार पर पूरी जांच प्रक्रिया होगी। जानिए क्या है पूरा मामला -  बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड के कोरीपारा में आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा था। टीकाकरण 30 अगस्त को दोपहर 12 बजे किया गया और दो दिन के नवजात शिशु की मौत उसी दिन रात 7.30 बजे हो गई। वहीं दो महीने के सारांश को भी इस बच्चे के साथ टीका लगा था, उसकी मौत 30 घंटे के बाद 31 अगस्त रात 8 बजे हुई। बाकी 5 बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया। यहां उनका इलाज जारी है। इसके बाद रविवार को सिंहदेव के साथ पूर्व विधायक शैलेश पांडेय, कांग्रेस नेता पंकज सिंह ने प्रभावित परिवारों से अस्पताल में मुलाकात की। पूर्व उप मुख्यमंत्री सिंहदेव बोले- सरकार कुछ छिपा रही टीएस सिंहदेव ने कहा कि अगर टीके, दवाइयां अमानक थी तो उसका स्टॉक तत्काल रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि, नसबंदी, गर्भाशय कांड, आंखफोड़वा वाली बीजेपी सरकार में कुछ भी हो सकता है। सिंहदेव ने मृतक बच्चों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। वहीं अस्पताल में भर्ती बाकी बच्चों के बेहतर इलाज के लिए भी डॉक्टर से बात की। उन्होंने कई सवाल भी उठाए- • टीके क्या अमानक तो नहीं थे? • आखिर मृत बच्चों का पोस्टमॉर्टम क्यों नहीं करवाया गया? • क्या सरकार का दायित्व नहीं था कि वह सारे मामले की जांच कराती ? • क्या सरकार इस संवेदनशील मामले में कुछ छुपा रही है? सभी बिंदुओं में होगी जांच टिकाकरण अधिकारी ने कहा कि, कोटा क्षेत्र मासूम बच्चों की मौत हुई है। जिसको लेकर आज राज्य स्तरीय टीम बिलासपुर पहुंची है। और जो घटना हुई है। उसमे सभी प्रकरण में जांच की जाएगी। जांच के बाद शासन के रिपोर्ट भेजी जाएगी। अधिकारी ने कहा, यदि पोस्टमार्टम होता तो बहुत ही आसानी से सभी प्रकरण का पता चल जाता।