रायपुर। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने प्रत्याशियों का घोषण कर दी है। जिसमे छत्तीसगढ़ में पहली ही सूची में 11 प्रत्याशियों का नाम ऐलान कर दिया है। जिसमे मौजूदा सांसदों पर दूसरी बार भरोसा जताया गया हैं। बृजमोहन अग्रवाल चिंतामणि महाराज सरोज पांडे तोखन साहू संतोष पाण्डेय विजय बघेल राधेश्याम राठिया रूप कुमारी चौधरी महेश कश्यप कमलेश जांगड़े प्रत्याशी बनाया गया है।
बीजेपी की लिस्ट की खास बातें –
. 11 सीटों में से 3 सीटों महिला उम्मीदवारों को उतारा गया।
. मौजूदा सांसद विजय बघेल को दुर्ग और संतोष पाण्डेय को राजनांदगांव से फिर मौका दिया।
. मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर लोकसभा से टिकट दिया गया।
. कोरबा से सरोज पांडे जानकी से कमलेश जांगड़े महासमुंद से रूप कुमारी चौधरी को टिकट मिला।
. कांग्रेस से बीजेपी में आए चिंतामणि को सरगुजा से टिकट मिला।
. 2023 में 3 सांसदों के विधानसभा चुनाव लड़ने से बिलासपुर, सरगुजा, रायगढ़ सीट रिक्त है
बीजेपी ने एक बार फिर भरोसा जताया –
राजनांदगांव से मधुसूदन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह के दौड़ में थे। लेकिन पार्टी ने संतोष पांडे पर भरोसा जताया। चर्चा है कि पार्टी के परिवारवाद के आरोप से बचना चाहती थी। इसलिए डॉ रमन सिंह के बेटे अभिषेक को टिकट नहीं दी गई। वहीं मधुसूदन यादव डॉ रमन सिंह के बेहद करीबी माने जाते है। संतोष पांडे को राजनांदगांव टिकट देकर पार्टी एक संदेश देने का काम किया है। कि पार्टी संतुलन बना रहेगा।
वर्तमान विधायक बृजमोहन अग्रवाल ही क्यों?
विधानसभा चुनाव में लगातार बृजमोहन अग्रवाल ने जीत दर्ज की है। 2018 से जब समूचे रायपुर के सीटे कांग्रेस के हाथ में आई तक शहर के इकलौता भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ही बने थे। अग्रवाल समाज के जातिगत समीकरण भी भाजपा का नजरअंदाज नहीं कर सकती। संगठन और कार्यकर्ताओं से अच्छी पकड़ है। प्रदेश में सबसे ज्यादा मतों से अंतर से विधानसभा चुनाव जीत हासिल की। रायपुर संभाग के भौगोलिक समीकरण के हिसाब से बृजमोहन जिम्मा दिया गया है।
सरोज पांडे कोरबा से प्रत्याशी –
2008 में भिलाई के वैशाली नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ी थी। बीजेपी ने 2009 में उन्हें महापौर रहते हुए आम चुनाव में विधायक और दुर्ग से सीट से लोकसभा उम्मीदवार के तौर पर खड़ा कर दिया सांसद रहते हुए पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महिला मोर्चा अध्यक्ष बनाया।
मौजूदा सांसद विजय बघेल पर फिर जताया भरोसा –
विजय बघेल मौजूदा सांसद है 2008 में पहली बार विधायक बने। 2018 में सांसद बने। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के वर्तमान विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर दी थी। जातिगत समीकरण भी विजय बघेल के पक्ष में है।
चिंतामणि महाराज कांग्रेस से बीजेपी में आए-
चिंतामणि महाराज को कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया था। वे भाजपा में आ गए। वे सरगुजा से भाजपा के टिकट चाहते थे। लेकिन उन्हें मना लिया गया। आखिरकार उन्होंने लोकसभा चुनाव में मौका दिया गया है। चिंतामणि महाराज को मानने वाले सरगुजा क्षेत्र में बड़ा वर्ग है।
तोखन साहू बिलासपुर से चुनाव लड़ेंगे –
तोखन साहू लोरमी से बीजेपी के पूर्व विधायक रह चुके हैं। इसी क्षेत्र से धर्मजीत सिंह भी जनता कांग्रेस के विधायक हुआ करते थे। जिन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ज्वाइन कर ली और तखतपुर क्षेत्र से जीत दर्ज की है। लोरमी से अरुण साव ने चुनाव लड़ा जिसके कारण तोखन साहू को मौका नहीं मिला। उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ाकर पार्टी के तोहफा दिया है। साल 2013 में लोडिंग विधानसभा सभा क्षेत्र से जीतकर विधायक बन चुके। साहू इन दिनों भाजपा के सक्रिय युवा ओबीसी चेहरा है भारतीय जनता पार्टी के संगठन में इन्हे किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष भी बना रखा है। इस वजह से उन्हें अब बिलासपुर लोकसभा से बड़ी जिम्मेदारी देते हुए सांसद भेजने का मन भाजपा ने बनाया है मुंगेली में जन्मे तोखन लाल साहू ने एमकॉम तक पढ़ाई की है। साल 2023 में पहली बार विधानसभा से विधायक बने 14-15 में महिला एवं विकास कल्याण संबंधी समिति में सदस्य रहे विधानसभा सक्रिय समिति के सदस्य रहे 2015 में छत्तीसगढ़ शासन संसदीय सचिव भी रहे है।
राधेश्याम राठिया को वफादारी का मिला फल –
धरमजयगढ़ विधानसभा से काफी लंबे समय से विधानसभा चुनाव का टिकट मांग रहे राधेश्याम को वफादारी का फल मिला है। पिछले लोकसभा चुनाव में इन्हे धर्मजयगढ़ विधानसभा का चुनाव संचालक भी बनाया गया था। इससे पहले राठिया पूर्व जनपद अध्यक्ष, जिला किसान मोर्चा के महामंत्री भी रह चुके हैं। रायगढ़ क्षेत्र से किसी नए चेहरे को मैदान में उतारने की तैयारी बीजेपी पहले ही कर चुकी थी। राठिया समाज से ताल्लुक रखने वाले राधेश्याम पर इस लोकसभा चुनाव में दांव खेला गया है।
भोजराज नाग कांके से चुनाव लड़ेंगे –
भोजराज नाग 1992 में अंतागढ़ के ग्राम हिमोड़ा के सरपंच निर्वाचित हुए थे। इसके बाद साल 2000 से 2005 तक जनपद पंचायत अंतागढ़ के अध्यक्ष रहे, 2009 से 2014 तक जिला पंचायत सदस्य रहे। 2014 में हुए चर्चित अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव जीतकर विधायक बने। भोजराज नाग को देवी आती है बैगा सिरहा भी है।
रूप कुमारी चौधरी पूर्व विधायक रह चुकी है –
रूप कुमारी चौधरी छत्तीसगढ विधानसभा के पूर्व सदस्य है 2013 से 2018 तक बसना विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी है। रूप कुमारी भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय नेता है। और मई 2015 से 2018 तक संसदीय सचिव रह चुकी है।
कमलेश जांगड़े जांजगीर चांपा से चुनाव लड़ेगी –
लोकसभा क्षेत्र से जांजगीर से सक्ति विधानसभा की कमलेश जांगड़े को मैदान में लाया गया है। कमलेश जांगड़े भाजपा महिला मोर्चा के जिला अध्यक्ष के रूप में काम कर चुकी है एक बार वे जिला पंचायत का चुनाव हार चुकी है।
महेश कश्यप का साधारण रहन-सहन –
महेश कश्यप जगदलपुर के पास के गांव के कलचा कर रहने वाले है। बेहद ही साधारण परिवार में जन्मे महेश कश्यप कृषक है। और बहुत लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे हैं। वर्तमान में विश्व हिंदू परिषद में जुड़े हैं। माना जा रहा है कि आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के जुड़ने के कारण महेश कश्यप को भारतीय जनता पार्टी में टिकट दिया है। साधारण रहन सहन में रहने वाले महेश काफी मिलनसार है। उन्होंने अपनी शिक्षा आड़ावाल हाई स्कूल में पूरी की है। गांव उनका व्यवसाय केवल खेती बाड़ी है।