बिलासपुर। रामावतार जग्गी हत्याकांड में अमित जोगी को दोषमुक्त किये जाने के खिलाफ पेश याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बैंच में सुनवाई चल रही है।
बता दें कि जून 2003 में राकांपा नेता रामावतार जग्गी की गोली मार कर हत्या कर दी गई। मृतक के पुत्र सतीश जग्गी की रिपोर्ट पर सीबीआई ने अमित जोगी, चिमन सिंह सहित 29 लोगों गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया था। विचारण न्यायालय ने अमित जोगी को दोषमुक्त किया है। इसके खिलाफ सतीश जग्गी ने 2007 में याचिका पेश की है।
जानिए कौन था जग्गी –
जग्गी जिनका पूरा नाम रामावतार जग्गी था। व्यावसायिक पृष्ठभूमि वाले जग्गी देश के कद्दावार नेताओं में शामिल विद्या चरण (वीसी) शुक्ल के बेहद करीबी थे। शुक्ल जब कांग्रेस छोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) में पहुंचे तो जग्गी भी उनके साथ एनसीपी में आ गए। वीसी ने उन्हें छत्तीसगढ़ में एनसीपी का कोषाध्यक्ष बना दिया।
जानिए क्या हुआ 4 जून की रात –
एनसीपी के बड़े आयोजन की तैयारी में रामावतार जग्गी जग्गी पूरी तरह व्यस्त थे। घटना 4 जून 2003 की है। रात करीब 11 बजे जग्गी अपनी कार से एमजी रोड से केके रोड की तरफ आ रहे थे। तभी मौदहापारा थाना से कुछ दूरी पर कुछ लोगों ने उनकी कार को रोका और गोली मार कर फरार हो गए। इस घटना में जग्गी गंभीर रुप से घायल हो गए हैं। जग्गी को पहले मौदहापारा थाना ले जाया गया। वहां से मेडिकल कॉलेज अस्पताल यानी अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। पुलिस इसे लूट की घटना बताती रही।