कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के दुधावा थाना क्षेत्र में भारतमाला सड़क निर्माण परियोजना के दौरान एक गंभीर विवाद सामने आया है। परियोजना से जुड़े एक ठेकेदार द्वारा वाहन चालक के साथ मारपीट का वीडियो सामने आया है, जिसमें ठेकेदार चालक को डीजल चोरी के शक में बेल्ट से पीटते हुए और उसके साथ अमानवीय व्यवहार करते हुए दिख रहा है।
बताया जा रहा है कि यह घटना पहले भी कोंडागांव जिले के बासनवाही क्षेत्र में सामने आ चुकी है, जहाँ इसी ठेकेदार ने एक अन्य चालक के साथ मारपीट की थी। आरोप है कि शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई और भय फैलाने के उद्देश्य से वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया।
घटना के अगले दिन, 29 अप्रैल को वाहन चालकों ने एकजुट होकर ठेकेदार पर हमला कर दिया। उन्होंने उसे सड़क पर बांधकर पीटा। इस बीच जब कंपनी का एक प्रबंधक बीच-बचाव के लिए आया, तो उसकी भी पिटाई कर दी गई।
फिलहाल पुलिस दोनों घटनाओं की जांच कर रही है और दोनों पक्षों से पूछताछ की जा रही है। मामले ने सड़क निर्माण परियोजना की सुरक्षा और श्रमिकों के बीच के तनाव को उजागर किया है।
भारत माला प्रोजेक्ट के तहत कांकेर जिले के दुधावा और कोंडागांव जिले के विश्रामपुरी इलाके में वाहन चालक, हेल्पर सहित अब तक 4 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है, जिसमें कुछ मामले संदिग्ध भी हैं। एक चालक की मौत कैंप में वाहनों के वॉश एरिया में व एक कर्मचारी की रात में वाहन में दबने से हुई थी।
वाहन चालकों ने सभी मामलों पर जांच करने की मांग की है और सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस व प्रशासन के निरीक्षण की भी मांग की है। घायल को ग्रामीणों ने पहचानने से मना कर दिया। मारपीट करने वाले कंपनी मैनेजर की पहचान अमित मिश्रा व उसके सहयोगी कर्मचारी पिंटू जेना के रूप में की गई।
कांकेर जिले के दुधावा और कोंडागांव जिले के विश्रामपुरी इलाके में चल रही भारतमाला सड़क निर्माण परियोजना में अब तक चार कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। मृतकों में वाहन चालक और हेल्पर शामिल हैं। इन मामलों में से कुछ मौतें संदिग्ध परिस्थितियों में हुई हैं, जिससे परियोजना पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, एक चालक की मौत कैंप स्थित वाहन वॉश एरिया में हुई थी, जबकि एक अन्य कर्मचारी की जान रात के समय वाहन की चपेट में आने से गई। घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए वाहन चालकों और अन्य श्रमिकों ने सभी मामलों की निष्पक्ष जांच की मांग की है। साथ ही उन्होंने परियोजना स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने और पुलिस व प्रशासन द्वारा नियमित निरीक्षण की अपील की है।
हाल ही में हुई मारपीट की घटना के घायल को स्थानीय ग्रामीणों ने पहचानने से इनकार कर दिया, जिससे मामला और उलझ गया है। इस हिंसा में शामिल कंपनी के प्रबंधक की पहचान अमित मिश्रा और उसके सहयोगी पिंटू जेना के रूप में की गई है। इन घटनाओं ने न केवल कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाई है, बल्कि परियोजना प्रबंधन की पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी सवाल खड़े किए हैं।