बिलासपुर। बिलासपुर जिले में कानून-व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। तारबाहर थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े एक नाबालिग छात्र से लूट की वारदात ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना शनिवार की है। जब कक्षा नौवीं का छात्र ओम केशरवानी अपनी बाइक में पेट्रोल भरवा रहा था, तभी दो बदमाशों ने उसके गले से चांदी की चेन और बैग से नकदी छीन ली। यह वारदात शहर के व्यस्ततम अंबे पेट्रोल पंप पर हुई, जहां आमतौर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम होने चाहिए।
घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि एक बदमाश पीड़ित छात्र के बैग से पैसे निकाल रहा है, जबकि दूसरा कुछ लेकर अपनी जेब में डालता नजर आ रहा है। बावजूद इसके, यह सवाल बना हुआ है कि अपराधियों को रोकने के लिए मौके पर कोई पुलिस गश्त क्यों नहीं थी? क्या इतने संवेदनशील इलाके में पुलिस की मौजूदगी केवल कागजों तक सीमित है?
पीड़ित छात्र ने साहस दिखाते हुए बदमाशों का पीछा भी किया, लेकिन वे रेलवे कॉलोनी की ओर भाग निकले। घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि पुलिस अगर समय रहते कार्रवाई करती और इलाके में नियमित गश्त होती, तो ऐसी वारदातें रोकी जा सकती थीं।
हालांकि, CCTV फुटेज में नजर आ रही स्कूटी नंबर CG 10 BC 5675 के आधार पर पुलिस ने एक आरोपी चिंकू उर्फ कापियां को गिरफ्तार किया है, जो गोलबाजार का रहने वाला है। लेकिन दूसरा आरोपी आरिफ मिर्जा अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। सवाल यह भी है कि अगर फुटेज इतना स्पष्ट है, तो दूसरे आरोपी को पकड़ने में देरी क्यों हो रही है?
थाना प्रभारी रामनरेश यादव का कहना है कि आरोपी की तलाश जारी है और जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लेकिन यह सिर्फ औपचारिक बयान लगता है, क्योंकि आम जनता अब पुलिस की कार्यशैली से संतुष्ट नहीं है।
शहर में लगातार बढ़ती आपराधिक घटनाएं और उनमें पुलिस की निष्क्रियता यह संकेत देती है कि बिलासपुर में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। जब तक पुलिस केवल घटनाओं के बाद ही हरकत में आएगी, अपराधियों के हौसले बुलंद होते रहेंगे।