बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के न्यायधानी में सट्टेबाज आईपीएल क्रिकेट मैच के दौरान श्रीलंका और मनाली में बैठकर ब्रांच चला रहे थे। आरोपियों ने रेड्डी अन्ना ऑनलाइन सट्टेबाजी का ऑफिस खोलकर बिहार, झारखंड, राजस्थान सहित कई राज्यों में सक्रिय रहे। अब बिलासपुर में ब्रांच शुरू कर T-20 क्रिकेट मैच में लोगों से दांव लगवाने की तैयारी में थे।
पुलिस ने इस अंतरराज्यीय गिरोह के 2 आरोपियों को पकड़ा है, जबकि मुख्य सरगना फरार है। उनके पास से पासपोर्ट, चार लैपटॉप, 27 मोबाइल, 170 से अधिक फर्जी सिम कार्ड, अलग-अलग बैंकों के सात पास बुक, 19 एटीएम कार्ड, चेकबुक बरामद कर 20 से अधिक बैंक में जमा 5 लाख रुपए को होल्ड कराया गया है।
डेढ़ महीने से चल रही थी ट्रेसिंग
SP रजनेश सिंह ने बताया कि पुलिस ने करीबन डेढ़ महीना से ट्रेसिंग चल रहे थे। वहीं ऑनलाइन सट्टेबाजों पर कार्रवाई करने के लिए पहले ही एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट (ACCU) की टीम के साथ ही सभी थानेदारों को निर्देशित किया था। जब IPL क्रिकेट मैच शुरू हुआ, तब शहर के सट्टेबाजों की कुंडलियां निकाली गई।
इस दौरान पता चला कि ज्यादातर सट्टेबाज शहर से बाहर जाकर अपना कारोबार चला रहे हैं। इसी दौरान पता चला कि बिलासपुर जिले के बेलगहना का रहने वाला विकास अग्रवाल श्रीलंका में शिफ्ट हो गया है। लिहाजा, पुलिस उसकी गतिविधियों पर नजर रख रही थी।
न्यायधानी में ब्रांच खोलने की थी तैयारी
IPL क्रिकेट मैच के दौरान पुलिस के हाथ एक भी बड़े सट्टेबाज नहीं आया। लेकिन, फिर भी पुलिस हार नहीं मानी और उनकी गतिविधियों पर नजर रखती रही। इसी दौरान पता चला कि विकास अग्रवाल के गिरोह के युवक छत्तीसगढ़ के न्यायधानी आ गये थे।
इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस ने उन्हें पकड़ने की योजना बनाई, तब पता चला कि गिरोह यहां सरकंडा इलाके में ब्रांच शुरू कर T-20 क्रिकेट मैच में दांव लगा रहे हैं। खबर मिलते ही पुलिस ने उनकी जानकारी जुटाकर बेलगहना के फारेस्ट कॉलोनी निवासी दीपक यादव (25) पिता स्व. सुंदर लाल यादव और बेलगहना के ही बाजारपारा निवासी संजय जायसवाल (30) पिता सुरेश जायसवाल को पकड़ लिया।
श्रीलंका और मनाली में अन्ना रेड्डी गेमिंग के नाम से चला रहे थे ब्रांच
पुलिस की पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि ब्रांच का मुख्य संचालक विकास अग्रवाल है। ये दोनों उसके लिए काम करते हैं। विकास अग्रवाल ने ही दुबई हेड ऑफिस से संचालित बैटिंग ऐप ‘रेड्डी अन्ना’ का पैनल लेने के लिए वाट्सऐप के माध्यम से संपर्क कर खुद का ब्रांच लेकर श्रीलंका (कोलंबो) फिर मनाली में संचालित कर रहा था।
श्रीलंका से आकर बिलासपुर खुले थे ब्रांच
आरोपियों ने बताया कि वो कुछ दिन से बिलासपुर में आकर काम कर रहे थे। जांच के दौरान पुलिस ने उनके कब्जे से पासपोर्ट, जिसमें श्रीलंका का इमीग्रेशन लगा है। ऑनलाइन सट्टा खिलाने में उपयोग के लिए चार लैपटॉप, 27 मोबाइल, 170 से अधिक फर्जी सिम कार्ड बरामद किए गए हैं।
साथ ही 7 बैंक पासबुक, 2 चेक बुक, 19 ATM कार्ड बरामद करने के साथ ही 20 से अधिक बैंक अकाउंट में पांच लाख रुपए से अधिक पैसों को होल्ड कराया गया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ सरकंडा थाना में धारा 6, 7 छत्तीसगढ जुआ प्रतिशेध अधिनियम के तहत केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
आईपीएल क्रिकेट के करोड़ों रुपए को खपाया
पुलिस अफसरों ने बताया कि आरोपियों के पास से दो रजिस्टर में करोड़ों के लेनदेन के हिसाब मिले हैं। इसके साथ ही बैंक अकाउंट्स में भी करोड़ों के लेनदेन की जानकारी मिली है। पुलिस को शक है कि आरोपियों के साथ गिरोह का मुख्य सरगना विकास अग्रवाल फरार है।
बिलासपुर में ब्रांच शुरू करने के पहले सट्टेबाजों ने श्रीलंका और मनाली में IPL क्रिकेट मैच के दौरान करोड़ों रुपए सट्टेबाजी में कमाया है, जिसे इधर-उधर करने के बाद ही वो बिलासपुर शिफ्ट हुए हैं। पुलिस इनके बैंक अकाउंट्स की डिटेल्स खंगाल रही है। जांच के दौरान इनकी संपत्तियों की भी पतासाजी की जाएगी और कुर्क करने की कार्रवाई की जाएगी।
25 से 50 लाख रुपए में मिलता है अन्ना रेड्डी का ब्रांच
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि ऑनलाइन बैटिंग ऐप का हेड ऑफिस दुबई से संचालित है। इसके ब्रांच संचालित करने के लिए हेड ऑफिस में बैठे मुख्य संचालक वाट्सऐप नंबर से संपर्क कर दूसरे देशों व राज्यों में 25 लाख रुपए से 50 लाख रुपए तक ब्रांच बेचता है।
सौदे के अनुसार इससे मिलने वाली 65% हेड ऑफिस यानी दुबई और 35% ब्रांच संचालित करने वाला लेता है। सौदा तय होने के बाद ब्रांच को कस्टमर आईडी टेलीग्राम के माध्यम से दिया जाता है। इसके पैन इंडिया के होते हैं, जो ब्रांच के व्हाट्सएप नम्बर से संपर्क करते हैं।