Tuesday, June 17, 2025
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गुस्से में नाबालिग ने उठाई बंदूक, बोला – मैं फ्लॉवर नहीं, फायर हूं, फिर कर दी फायरिंग, दादी और युवक घायल…

“पुष्पा” के डायलॉग से प्रभावित नाबालिग का गुस्सा, फायरिंग में दादी और युवक घायल/

परिवारिक विवाद ने लिया हिंसक मोड़/

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के सीपत में 13 दिसंबर की रात एक पारिवारिक विवाद के दौरान, 16 वर्षीय नाबालिग ने फिल्म “पुष्पा” के मशहूर डायलॉग “पुष्पा को फ्लॉवर समझा क्या, फ्लॉवर नहीं, फायर है मैं” बोलते हुए अपने दादा की लाइसेंसी बंदूक से फायरिंग कर दी। इस घटना में उसकी दादी और एक युवक घायल हो गए।

गुस्से में भड़का नाबालिग, जमीन पर किया फायर 

टीआई गोपाल सतपथी ने बताया कि, पारिवारिक विवाद के दौरान नाबालिग और उसके चाचा में गाली-गलौज बढ़ गई। इसी दौरान नाबालिग घर से भरमार बंदूक लेकर आया और फिल्मी अंदाज में डायलॉग बोलते हुए फायर किया। गोली का छर्रा जमीन से उछलकर दादी और पास खड़े युवक आशीष शिकारी  घायल कर गया।

पुलिस की तत्परता से हिरासत में आरोपी

सूचना मिलते ही सीपत पुलिस मौके पर पहुंची। नाबालिग को हिरासत में लिया गया और बंदूक जब्त कर ली गई। फिलहाल घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति सामान्य है।

घायल
घायल

लाइसेंसी बंदूक बनी विवाद की जड़

बंदूक 1987 में नाबालिग के दादा को शासन द्वारा दी गई थी, जो तब से घर में रखी हुई थी। घटना के बाद पुलिस ने बंदूक का लाइसेंस निरस्त करने के लिए प्रशासन को पत्र भेजा है।

आरोपी पर दर्ज हुआ मामला

घायल युवक आशीष शिकारी की शिकायत पर पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ आईपीसी की धारा 110 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने यह भी कहा कि बंदूक का उपयोग पहले कभी नहीं हुआ था।

सिनेमा का प्रभाव: सतर्कता की जरूरत

यह घटना एक बार फिर इस बात पर ध्यान दिलाती है कि सिनेमा और डायलॉग्स का प्रभाव समाज पर गहरा होता है। पुलिस और प्रशासन ने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों पर कड़ी नजर रखें और उन्हें हिंसक साधनों से दूर रखें।

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घायल
घायल
लाइसेंसी बंदूक बनी विवाद की जड़ बंदूक 1987 में नाबालिग के दादा को शासन द्वारा दी गई थी, जो तब से घर में रखी हुई थी। घटना के बाद पुलिस ने बंदूक का लाइसेंस निरस्त करने के लिए प्रशासन को पत्र भेजा है। आरोपी पर दर्ज हुआ मामला घायल युवक आशीष शिकारी की शिकायत पर पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ आईपीसी की धारा 110 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने यह भी कहा कि बंदूक का उपयोग पहले कभी नहीं हुआ था। सिनेमा का प्रभाव: सतर्कता की जरूरत यह घटना एक बार फिर इस बात पर ध्यान दिलाती है कि सिनेमा और डायलॉग्स का प्रभाव समाज पर गहरा होता है। पुलिस और प्रशासन ने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों पर कड़ी नजर रखें और उन्हें हिंसक साधनों से दूर रखें।