रायपुर। महादेव सट्टा एप मामले में सीबीआई की कार्रवाई पर पूर्व मुख्यमंत्री ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में ही इस एप पर कड़ा शिकंजा कसा गया था। कांग्रेस सरकार के दौरान 74 एफआईआर दर्ज हुईं, 200 से अधिक गिरफ्तारियां हुईं और 2000 से अधिक बैंक खाते सीज किए गए थे। इतना ही नहीं, उनकी सरकार ने गूगल को पत्र लिखकर प्ले स्टोर से इस एप को हटवाया था। ऐसे में उन पर संरक्षण देने का आरोप लगाना पूरी तरह गलत है।
सीबीआई की कार्रवाई पर आपत्ति, बैग लेकर प्रवेश करने का लगाया आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी अनुपस्थिति में सीबीआई अधिकारी रायपुर स्थित शासकीय आवास में बैगों के साथ दाखिल हुए। उन्होंने कहा, कैसे मेरी अनुपस्थिति में मेरे रायपुर के शासकीय आवास में सीबीआई के लोग बैगों में कुछ लेकर अंदर घुस रहे हैं। कार्यकर्ताओं द्वारा मीडिया के सामने बैग दिखाने के आग्रह को अस्वीकार कर वे अंदर प्रवेश कर गए। यह बेहद आपत्तिजनक है और षड्यंत्र का सूचक है।
ईडी पर भी साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि एजेंसी ने झूठी जानकारी फैलाई कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को दुबई में गिरफ्तार किया गया है। जबकि, बाद में वे वहां शिवकथा का आयोजन करते नजर आए।
भाजपा पर षड्यंत्र रचने का आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई ने रायपुर स्थित शासकीय आवास और भिलाई स्थित निवास पर बिना सूचना के प्रवेश किया, जो पूरी तरह अनधिकृत है। उन्होंने आशंका जताई कि भाजपा उनके खिलाफ सीबीआई के माध्यम से राजनीतिक षड्यंत्र रच रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मामले को पूरे देश तक पहुंचाने की अपील करते हुए कहा कि लोकतंत्र में इस तरह की कार्रवाई बेहद खतरनाक संकेत हैं।