Tuesday, June 17, 2025
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40 किसानों को अब तक नहीं मिला मुआवजा, 15 साल से भटक रहे किसान! प्रशासन की चुप्पी पर गुस्सा, आंदोलन की चेतावनी…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के नरगोड़ा पौड़ी के करीब 40 गरीब किसान पिछले 15 सालों से मुआवजे के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक न्याय नहीं मिल पाई है। किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही मुआवजा नहीं दिया गया, तो वे सीपत-बलौदा मुख्य मार्ग पर चक्का जाम कर प्रदर्शन करेंगे।

क्यों मांग रहे किसान मुआवजा?

बता दें कि, करीब 14-15 साल पहले सिंचाई विभाग ने बांधा तालाब चौड़ीकरण परियोजना के तहत इन किसानों की जमीन अधिग्रहित की थी। उस समय अधिकारियों ने किसानों को उचित मुआवजा देने का वादा किया था, लेकिन इतने वर्षों बीत जाने के बाद भी उन्हें कोई राशि नहीं मिल पाई है।

किसानों ने बताया कि, सभी किसान आदिवासी समुदाय से आते हैं और अपनी जमीन खो चुके हैं। न केवल उन्होंने अपनी आजीविका का साधन गंवा दिया, बल्कि वे अब खेती भी नहीं कर सकते। कई बार सिंचाई विभाग, एसडीएम और कलेक्टर कार्यालय में आवेदन देने के बावजूद उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है।

किसानों की बढ़ती नाराजगी

किसानों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे अपनी जमीन पर खेती नहीं कर सकते और उन्हें किसी प्रकार की सरकारी मदद भी नहीं मिल रही है। जिसके उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है। किसानों का कहना है कि अगर 15 दिनों के भीतर मुआवजा नहीं दिया गया तो सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। जब तब हमें मुआवजा या न्याय नहीं मिल जाता। लेकिन अब तक प्रशासन ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। किसानों का ये भी कहना है कि अब वे केवल आश्वासनों के  भरोसा नहीं बैठेंगे, बल्कि सड़कों पर उतरकर अपनी मांगें मनवाने के लिए पूरा प्रयास करेंगे। जब तक प्रशासन हमारी मांगे पूरी न कर दें।

क्या होगा आगे?

किसानों ने चेतावनी के बाद अब देखना होगा कि प्रशासन उनकी मांगों पर कब तक पूरा करता है। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में बिलासपुर में बड़ा प्रदर्शन हो सकता हैं।

 

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के नरगोड़ा पौड़ी के करीब 40 गरीब किसान पिछले 15 सालों से मुआवजे के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक न्याय नहीं मिल पाई है। किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही मुआवजा नहीं दिया गया, तो वे सीपत-बलौदा मुख्य मार्ग पर चक्का जाम कर प्रदर्शन करेंगे।

क्यों मांग रहे किसान मुआवजा?

बता दें कि, करीब 14-15 साल पहले सिंचाई विभाग ने बांधा तालाब चौड़ीकरण परियोजना के तहत इन किसानों की जमीन अधिग्रहित की थी। उस समय अधिकारियों ने किसानों को उचित मुआवजा देने का वादा किया था, लेकिन इतने वर्षों बीत जाने के बाद भी उन्हें कोई राशि नहीं मिल पाई है। किसानों ने बताया कि, सभी किसान आदिवासी समुदाय से आते हैं और अपनी जमीन खो चुके हैं। न केवल उन्होंने अपनी आजीविका का साधन गंवा दिया, बल्कि वे अब खेती भी नहीं कर सकते। कई बार सिंचाई विभाग, एसडीएम और कलेक्टर कार्यालय में आवेदन देने के बावजूद उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है।

किसानों की बढ़ती नाराजगी

किसानों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे अपनी जमीन पर खेती नहीं कर सकते और उन्हें किसी प्रकार की सरकारी मदद भी नहीं मिल रही है। जिसके उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है। किसानों का कहना है कि अगर 15 दिनों के भीतर मुआवजा नहीं दिया गया तो सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। जब तब हमें मुआवजा या न्याय नहीं मिल जाता। लेकिन अब तक प्रशासन ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। किसानों का ये भी कहना है कि अब वे केवल आश्वासनों के  भरोसा नहीं बैठेंगे, बल्कि सड़कों पर उतरकर अपनी मांगें मनवाने के लिए पूरा प्रयास करेंगे। जब तक प्रशासन हमारी मांगे पूरी न कर दें।

क्या होगा आगे?

किसानों ने चेतावनी के बाद अब देखना होगा कि प्रशासन उनकी मांगों पर कब तक पूरा करता है। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में बिलासपुर में बड़ा प्रदर्शन हो सकता हैं।