बिलासपुर। बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा शुरू की गई “रेंट ए साइकिल” योजना बदहाल स्थिति में नजर आ रही है। इस योजना का उद्देश्य शहरवासियों को साइकिलिंग के लिए प्रोत्साहित करना था, लेकिन जागरूकता की कमी और सही दिशा-निर्देशों के अभाव में इसका इस्तेमाल न्यूनतम हो गया है। लगभग 2 करोड़ रुपए की लागत से यह योजना शुरू की गई थी और रिवर व्यू रोड, नेहरू चौक, पुराना बस स्टैंड, गांधी चौक और रेलवे स्टेशन सहित पांच स्थानों पर साइकिल स्टैंड बनाए गए हैं। इसके बावजूद, साइकिल ट्रैक पर लोग अपनी गाड़ियां पार्क कर रहे हैं, मटेरियल रख रहे हैं और यहां तक कि गुमटी और ठेले भी खोल लिए गए हैं।
बिलासपुर के हलधर प्रसाद साहू बताते हैं कि उन्हें योजना की जानकारी नहीं है, हालांकि वे शहर के कई स्टैंड्स पर खड़ी साइकिलों को देखते हैं। वे इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि साइकिल बुक करने की प्रक्रिया क्या है। उन्होंने यह भी कहा कि योजना अच्छी है और साइकिलिंग से लोग अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। मॉर्निंग वॉक करने वाले लोग इसका नियमित उपयोग कर सकते हैं, लेकिन किराए में छूट मिलने से वे इसे आसानी से अपना सकते हैं।
यह योजना स्मार्ट सिटी के नाम पर शुरू की गई थी, लेकिन नगर निगम की लापरवाही के कारण अब यह पूरी तरह से असफल होती दिखाई दे रही है। साइकिल स्टैंड्स पर साइकिलें धूल खाती नजर आ रही हैं और साइकिलिंग ट्रैक के सही उपयोग न होने के कारण योजना का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। शहर की अन्य योजनाओं की तरह यह भी सही देखरेख और जागरूकता के अभाव में विफल हो रही है।