Tuesday, June 17, 2025
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अमृत मिशन का पानी बना आफत… शनिचरी बाजार में तैरते दिखे व्यापारियों के सपने…व्यापारियों का नुकसान – जिम्मेदार कौन?

बिलासपुर: अमृत मिशन की पाइपलाइन फटी, शनिचरी बाजार में बाढ़ जैसे हालात/

शनिचरी बाजार में तबाही: व्यापारियों का सामान डूबा, सड़कों पर पानी का सैलाब/

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के शनिचरी बाजार में रविवार की सुबह व्यापारियों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी। दुकानें खोलते ही कमर तक पानी भर गया। व्यापारियों ने पहले तो इसे अरपा नदी में बाढ़ समझा, लेकिन बाद में पता चला कि यह खूंटाघाट से आने वाले अमृत मिशन की पाइपलाइन फटने का नतीजा है।

1996 की बाढ़ जैसा मंजर

बाल्मीकि चौक और बिलासा चौक सहित पूरे इलाके में पानी भर गया। व्यापारियों के बर्तन, टोकरियां और अन्य सामान पानी में तैरते नजर आए। 1996 की बाढ़ के बाद ऐसा मंजर पहली बार देखा गया, जिसने कारोबारियों को गहरे सदमे में डाल दिया।

ड्यूटी कर्मचारी की सतर्कता से खुला मामला

पानी टंकी पर तैनात कर्मचारी ने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए नगर निगम और अमृत मिशन के अधिकारियों को सूचित किया। जांच में पता चला कि मोटे पाइपलाइन से पानी टंकी में चढ़ाया जा रहा था, जो फट गया और बाजार में तबाही का कारण बना।

भविष्य के लिए चिंताएं बढ़ीं

घटना ने अमृत मिशन की गुणवत्ता और प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि ऐसा हादसा रिहायशी इलाके में होता, जहां छोटे बच्चे रहते हैं, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती थी।

प्रशासन की लापरवाही उजागर

घटना से नगर निगम और अमृत मिशन के कामकाज की पोल खुल गई है। योजनाओं की शुरुआती अवस्था में ही ऐसी लापरवाही गंभीर चिंता का विषय है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।

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बिलासपुर: अमृत मिशन की पाइपलाइन फटी, शनिचरी बाजार में बाढ़ जैसे हालात/ शनिचरी बाजार में तबाही: व्यापारियों का सामान डूबा, सड़कों पर पानी का सैलाब/ बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के शनिचरी बाजार में रविवार की सुबह व्यापारियों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी। दुकानें खोलते ही कमर तक पानी भर गया। व्यापारियों ने पहले तो इसे अरपा नदी में बाढ़ समझा, लेकिन बाद में पता चला कि यह खूंटाघाट से आने वाले अमृत मिशन की पाइपलाइन फटने का नतीजा है। 1996 की बाढ़ जैसा मंजर बाल्मीकि चौक और बिलासा चौक सहित पूरे इलाके में पानी भर गया। व्यापारियों के बर्तन, टोकरियां और अन्य सामान पानी में तैरते नजर आए। 1996 की बाढ़ के बाद ऐसा मंजर पहली बार देखा गया, जिसने कारोबारियों को गहरे सदमे में डाल दिया। ड्यूटी कर्मचारी की सतर्कता से खुला मामला पानी टंकी पर तैनात कर्मचारी ने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए नगर निगम और अमृत मिशन के अधिकारियों को सूचित किया। जांच में पता चला कि मोटे पाइपलाइन से पानी टंकी में चढ़ाया जा रहा था, जो फट गया और बाजार में तबाही का कारण बना। भविष्य के लिए चिंताएं बढ़ीं घटना ने अमृत मिशन की गुणवत्ता और प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि ऐसा हादसा रिहायशी इलाके में होता, जहां छोटे बच्चे रहते हैं, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती थी। प्रशासन की लापरवाही उजागर घटना से नगर निगम और अमृत मिशन के कामकाज की पोल खुल गई है। योजनाओं की शुरुआती अवस्था में ही ऐसी लापरवाही गंभीर चिंता का विषय है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।