Bharatmala Project : बिलासपुर। बहुचर्चित भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में भारी अनियमितता का मामला सामने आया है। बिलासपुर के तोरवा थाना क्षेत्र अंतर्गत ढेंका गांव में मुआवजा वितरण के दौरान सरकारी पदाधिकारियों द्वारा गंभीर स्तर पर गड़बड़ी किए जाने की पुष्टि हुई है। इस प्रकरण में तत्कालीन तहसीलदार डीके उईके और पटवारी सुरेश कुमार मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। (Bharatmala Project)
यह एफआईआर वर्तमान तहसीलदार राहुल शर्मा की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में न केवल नियमों की अनदेखी की गई, बल्कि मुआवजा राशि के वितरण में भी गड़बड़ी कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया गया। इस मामले में जिला स्तरीय समिति द्वारा की गई जांच में अनियमितता की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई की पहल की। (Bharatmala Project)
पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 34 (साझा आपराधिक कृत्य), 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी से संबंधित दस्तावेजों की कूट रचना), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), और 471 (कूटरचित दस्तावेज को असली बताकर उपयोग करना) के तहत प्रकरण दर्ज किया है। मामले की जांच तोरवा थाना पुलिस द्वारा की जा रही है।
सूत्रों की मानें तो भू-अर्जन के नाम पर कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे, जिनके आधार पर गलत लोगों को मुआवजा राशि बांटी गई। इस प्रक्रिया में सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है, जिसने पूरे मुआवजा वितरण को संदेह के घेरे में ला दिया है।
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस प्रकरण में अन्य शामिल व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। यह मामला भारतमाला जैसे महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय परियोजना की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।