Wednesday, June 18, 2025
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बागेश्वर धाम में पहुंचा फर्जी प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी, थाने में अपराध दर्ज…

रायपुर। राजधानी रायपुर में एक दिलचस्प मामला सामने आया है। खुद को प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी बताकर श्रीराम कथा बागेश्वर धाम महाराज के कार्यक्रम में वालंटियर बनकर सेवा करने एक युवक पहुंचा था। इसके बाद वह वहां आइएएस की धौंस दिखाने लगा। इस बात का जब पता चला तो इसकी जांच करवाई गई। जांच में पता चला कि वह फर्जी आइएएस बनकर आया था।

प्रार्थी ने बताया कि उनके द्वारा कोटा मैदान में बागेश्वर धाम महाराज धीरेंद्र शास्त्री का श्रीराम कथा का आयोजन 22 से 27 तक आयोजित है। आयोजन दौरान 23 जनवरी की दोपहर करीब दो बजे एक युवक बसंत के पास आयोजन स्थल पर आया। जिसने अपना नाम मंजूनाथ आर. बताते हुये स्वयं का परिचय प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी के रूप में दिया।

उसने कहा कि वह श्रीराम कथा आयोजन में वालंटियर बनकर सेवा करना चहता है। बसंत ने प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी जानकर उसके रूकने की व्यवस्था की और उसे वालंटियर का परिचय पत्र प्रदाय कर आयोजन में कार्य करने दिया। 24 जनवरी को मंजूनाथ आर. कथावाचन के समय धीरेंद्र शास्त्री के मंच के पास पहुंचकर मंच पर जाने की चेष्टा करने लगा तो उसे सुरक्षाकर्मियों के द्वारा रोका गया।

जिससे वह उनसे बहस करने लगा। यह सुनकर प्रार्थी सहित अन्य लोग वहां पहुंच गए। उसकी गतिविधि संदिग्ध प्रतीत होने से उससे कड़ाई से पूछताछ की गई। जिसके बाद उसने बताया कि वह कोई प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी नहीं है, कथा आयोजन में प्रवेश पाने के लिये उसने स्वयं को प्रशिक्षु आइएएस बताया है। इसके बाद वह आयोजन स्थल से भाग गया। जिसके बाद थाने में उसके विरूद्ध अपराध दर्ज किया गया।

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रायपुर। राजधानी रायपुर में एक दिलचस्प मामला सामने आया है। खुद को प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी बताकर श्रीराम कथा बागेश्वर धाम महाराज के कार्यक्रम में वालंटियर बनकर सेवा करने एक युवक पहुंचा था। इसके बाद वह वहां आइएएस की धौंस दिखाने लगा। इस बात का जब पता चला तो इसकी जांच करवाई गई। जांच में पता चला कि वह फर्जी आइएएस बनकर आया था। प्रार्थी ने बताया कि उनके द्वारा कोटा मैदान में बागेश्वर धाम महाराज धीरेंद्र शास्त्री का श्रीराम कथा का आयोजन 22 से 27 तक आयोजित है। आयोजन दौरान 23 जनवरी की दोपहर करीब दो बजे एक युवक बसंत के पास आयोजन स्थल पर आया। जिसने अपना नाम मंजूनाथ आर. बताते हुये स्वयं का परिचय प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी के रूप में दिया। उसने कहा कि वह श्रीराम कथा आयोजन में वालंटियर बनकर सेवा करना चहता है। बसंत ने प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी जानकर उसके रूकने की व्यवस्था की और उसे वालंटियर का परिचय पत्र प्रदाय कर आयोजन में कार्य करने दिया। 24 जनवरी को मंजूनाथ आर. कथावाचन के समय धीरेंद्र शास्त्री के मंच के पास पहुंचकर मंच पर जाने की चेष्टा करने लगा तो उसे सुरक्षाकर्मियों के द्वारा रोका गया। जिससे वह उनसे बहस करने लगा। यह सुनकर प्रार्थी सहित अन्य लोग वहां पहुंच गए। उसकी गतिविधि संदिग्ध प्रतीत होने से उससे कड़ाई से पूछताछ की गई। जिसके बाद उसने बताया कि वह कोई प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी नहीं है, कथा आयोजन में प्रवेश पाने के लिये उसने स्वयं को प्रशिक्षु आइएएस बताया है। इसके बाद वह आयोजन स्थल से भाग गया। जिसके बाद थाने में उसके विरूद्ध अपराध दर्ज किया गया।